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Saturday, 20 April, 2024
होमदेशअपराधमिर्ची, नींबू और हर वो चीज़ हटा लीजिए, जो आपकी नंबर प्लेट को छिपा लेती हो, वरना दिल्ली पुलिस से होगा सामना

मिर्ची, नींबू और हर वो चीज़ हटा लीजिए, जो आपकी नंबर प्लेट को छिपा लेती हो, वरना दिल्ली पुलिस से होगा सामना

दिल्ली पुलिस का कहना है कि मंगलवार को सिर्फ शाम 5 बजे तक, नंबर प्लेट छिपाने के लिए 250 से अधिक वाहनों का चालान किया गया. पहले अपराध पर 5,000 रुपए जुर्माना है, जो दूसरी बार अपराध करने पर दोगुना हो जाता है.

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नई दिल्ली: क्या आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट से कोई नज़र बट्टू या काला रिबन लटका हुआ है? क्या कोई सीमेंट चिपका हुआ है, जिससे नंबर आंशिक रूप से छिप गए हैं?

अगर हां, तो अब इस काम को छोड़ने का समय आ गया है, वरना ख़राब नंबर प्लेट के लिए आपका चालान काटा जा सकता है- और दिल्ली पुलिस आपका पता लगाकर, आपके दरवाज़े तक पहुंच सकती है.

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार पिछले तीन दिनों में, ऐसे क़रीब 150 लोगों का चालान किया गया है, जिन्होंने सीमेंट से अपने एक या दो नंबरों को छिपाया हुआ था.

मंगलवार को, ऐसे वाहन मालिकों के चालान काटे गए, जिनकी नंबर प्लेटों पर नींबू, मिर्ची, और काले रिबंस जैसी चीज़ें लटकी हुई थीं.

विशेष पुलिस आयुक्त मुक्तेश चंदर ने दिप्रिंट को बताया, ‘आज के अभियान में शाम 5 बजे तक 250 से अधिक वाहनों का, अलग-अलग तरीक़ों से अपनी नंबर प्लेट को छिपाने की कोशिश के लिए चालान काटा गया है.

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पहले अपराध पर 5,000 रुपए जुर्माना लगता है, जो दूसरी बार यही अपराध करता पाया जाने पर चालान की राशि दोगुनी हो जाती है.


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ट्रैफिक सिस्टम की आंखों में धूल झोंकना

ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस क़दम का उद्देश्य, चेतावनियां दिए जाने के बावजूद लोगों को इस अपराध को अंजाम देने से रोकना है- कैमरा से बचने के लिए बहुत से लोग, अपनी नंबर प्लेट के तीन नंबर तक छिपा लेते हैं.

विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘ये पुलिस और क़ानून को मूर्ख बनाने की कोशिश है’.

अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा करने के पीछे उनकी मंशा, ट्रैफिक अपराधों के कैमरे में गिरफ्तार होने से बचना है. जब नंबर प्लेट इन चीज़ों से ढक जाती है, तो डेटाबेस में उनका विवरण ढूंढना मुश्किल हो जाता है, जिससे तेज़ रफ्तार, सिग्नल तोड़ना, और हिट एंड रन जैसे ट्रैफिक उल्लंघनों के लिए उनपर मुक़दमा नहीं चल पाता’.

अधिकारी ने आगे कहा, ‘नंबर प्लेट्स के कुछ अंकों को ऐसी चीज़ों से ढकने पर, कुछ दिन से हमारी नज़र बनी हुई थी, इसलिए हमने गश्त शुरू करके ऐसा लोगों का चालान शुरू किया, जो ऐसी ख़राब नंबर प्लेटें रखते थे. ये पूरे ट्रैफिक सिस्टम की आंखों में धूल झोंकना है’.

ट्रैफिक नियमों का उल्लंन रिकॉर्ड करने के लिए, पूरी राष्ट्रीय राजधानी में कैमरे लगे हुए हैं- जैसे ही कोई वाहन नियम तोड़ता है, वो फोटो ले लेते हैं और नियंत्रण केंद्र के डेटाबेस को डेटा भेज देते हैं, जिसमें गाड़ी का नंबर, और उल्लंघन का प्रकार शामिल होता है. नियंत्रण केंद्र फिर संबंधित ड्राइवर को एक नोटिस जारी करता है.

अलग अलग स्थानों पर तैनात पुलिसकर्मी, वॉयलेशन ऑन कैमरा एप (वोका) के ज़रिए, मौक़े पर चालान भी जारी करते हैं.

चंदर ने कहा, ‘कुछ लोग मार्कर से भी अंकों के साथ छेड़छाड़ करते हैं- शून्य को आठ की तरह बना देते हैं, सी ज़ीरों की तरह दिखने लगता है’.


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अपराधी को पकड़ना

कैमरा हमेशा वाहन की नंबर प्लेट को पकड़ता है, भले ही उसके कुछ अंक छिपे हुए हों. ट्रैफिक पुलिस फिर उन नंबरों को अपने डेटाबेस में डालता है, और अल्गॉरिथम की मदद से छिपे हुए अंकों का पता चल जाता है, जिससे वाहन मालिक का विवरण मिल जाता है.

विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘इन अंकों को सिस्टम के डेटाबेस में डाला जाता है, और अगर हमें लगता है कि नंबर ग़लत है, तो फिर सही नंबर का पता लगाने के लिए, अल्गॉरिथम का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे अपराधियों का पता लगाना बहुत मुश्किल नहीं है, क्योंकि नंबर हमेशा 0-9 के बीच में होते हैं. जैसे ही हमें विवरण मिलता है, हम संबंधित लोगों का पता निकाल लेते हैं, और उनका चालान करते हैं’.

अधिकारी ने कहा कि अन्य अपराधों के अलावा, वाहन चालकों का प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट्स, और हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स भी चेक की जाती हैं.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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