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Sunday, 22 December, 2024
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पाकिस्तान इस्लामाबाद के इस संयंत्र में अपने परमाणु असले को बचाने की जवानों को देता है ट्रेनिंग

पाकिस्तानी परमाणु अस्त्रों की सुरक्षा को लेकर निरंतर उठते सवालों के बीच इस्लामाबाद के समीप एक परमाणु सुरक्षा संस्थान में बाह्य और आंतरिक खतरों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रों की सुरक्षा को लेकर वर्षों से चिंतित रहा है, भले ही पाकिस्तानी नेता, सेना और परमाणु विशेषज्ञ इन हथियारों को सुरक्षित और निरापद बताते हों.

उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि पाकिस्तान ने सुरक्षा अधिकारियों और कमांडो को देश के परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और सलामती संबंधी विशेष प्रशिक्षण देने के वास्ते राजधानी इस्लामाबाद और सेना मुख्यालय रावलपिंडी के समीप एक संस्थान स्थापित किया है.

दिप्रिंट ने इस बारे में विस्तृत अध्ययन किया है.

अवस्थिति और प्रशिक्षण के विषय

परमाणु सुरक्षा से जुड़ा पाकिस्तानी संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एंड न्यूक्लियर सिक्यूरिटी (पीसीईएनएस) राजधानी इस्लामाबाद से 50 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम स्थित चकरी नामक इलाके में हैं. यह जगह सावन नदी के पूर्वी किनारे पर अवस्थित है.

Pakistan’s Centre of Excellence and Nuclear Security (PCENS), Chakri
सोर्स/कर्नल विनायक भट्ट (सेवानिवृत्त)/ दिप्रिंट

पीसीईएनएस को पहले ट्रेनिंग एकेडमी ऑफ स्ट्रेटेजिक प्लान्स डिवीजन (एसपीडी) कहा जाता था. वर्ष 2012 में स्थापित यह संस्थान देश में अपने तरह का अकेला है. स्थापना के बाद से इसका दो बार, 2016 और 2018 में, विस्तार भी किया जा चुका है.

Pakistan’s Centre of Excellence and Nuclear Security (PCENS), Chakri
सोर्स/कर्नल विनायक भट्ट (सेवानिवृत्त)/ दिप्रिंट

इस केंद्र में पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में मौजूद परमाणु बिजली संयंत्रों, हथियार उत्पादन और भंडार इकाइयों, आयुध डिपो आदि की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं.

एसपीडी कार्मिकों को शारीरिक सुरक्षा, उपकरणों की सुरक्षा, जवाबेदही, नियंत्रण और संचालन प्रक्रियाओं की ट्रेनिंग दी जाती है. साइबर सुरक्षा तथा कार्मिक मूल्यांकन – सक्रिय और निष्क्रिय दोनों – भी पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं.

बाह्य खतरे

उपग्रह चित्रों से जाहिर होता है कि परमाणु सुरक्षा केंद्र के कार्मिकों को हमले, छापेमारी, किसी परमाणु प्रतिष्ठान या उसके हिस्से पर कब्जे और इस तरह की अन्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की नियमित ट्रेनिंग दी जाती है.


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कार्मिकों को पानी से होकर किए जाने वाले हमले या छापेमारी के विरुद्ध ट्रेनिंग देने के लिए विशेष तालाब भी निर्मित किए गए हैं. तालाबों में दोनों तरह की परिस्थितियों – बहते और ठहरे पानी – की व्यवस्था की गई है.

Pakistan’s Centre of Excellence and Nuclear Security (PCENS), Chakri
सोर्स/कर्नल विनायक भट्ट (सेवानिवृत्त)/ दिप्रिंट

संस्थान परिसर में दो फायरिंग रेंज भी हैं, जिनमें से एक 300 मीटर आकार का और दूसरा 250 मीटर का है. बड़ी फायरिंग रेंज में रेंगने और रस्सी के सहारे उतरने के अभ्यास की भी सुविधा है, जो हेलीकॉप्टर अभियान संबंधी ट्रेनिंग देने के काम आती है.

फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए केंद्र में विभिन्न अवरोधों वाला एक ट्रैक भी है. कई ढंकी हुई सुरक्षा चौकियां भी देखी जा सकती हैं जो फील्ड ट्रेनिंग के काम आती हैं.

Pakistan’s Centre of Excellence and Nuclear Security (PCENS), Chakri
सोर्स/कर्नल विनायक भट्ट (सेवानिवृत्त)/ दिप्रिंट

एक बड़ा-सा हैंगर भी है जिसमें शायद महत्वपूर्ण अधिकारियों के प्रशिक्षण या दौरों के समय अस्थाई तौर पर हेलीकॉप्टर रखे जाते होंगे. प्रशिक्षण के लिए या फिर वीआईपी ज़रूरतों के वास्ते यहां कम-से-कम छह हेलीपैड भी हैं.

पाकिस्तानी परमाणु सुरक्षा केंद्र में प्रशिक्षण अभ्यास के लिए एक परेड ग्राउंड भी है, जहां विशेष वाहनों से जुड़ी ट्रेनिंग के लिए छोटे आकार का एक मोटर ट्रैक भी है.

एक हिस्से में संभवत: सुरंग संबंधी प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. वास्तविक परिवेश के अनुकरण के लिए छोटे द्वार वाले सुरंग भी बनाए गए हैं.

उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि अपशिष्ट निस्तारण, सुरक्षा प्रबंधन तथा सड़क मार्ग से ले जाए जाने वाले ट्रैक्टर इरेक्टर लॉन्चर (टीईएल) के लॉन्च पैडों की सुरक्षा पर भी पर्याप्त ध्यान दिया गया है.

ठहरे पानी वाले नए तालाबों में संभवत: एक पनडुब्बी की भी प्रतिकृति बनाई गई है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर परमाणु पनडुब्बी से जुड़ी किसी आपातस्थिति को लेकर अभ्यास किया जा सके.

आंतरिक खतरे

‘आंतरिक खतरे’ का मतलब तोड़फोड़, परमाणु पदार्थों या जानकारियों, तकनीकी सूचनाओं और निर्देश पुस्तिकाओं की चोरी तथा साइबर खतरों से होता है. विध्वंसक गतिविधियों को भी इसमें शामिल किया जाता है.

Pakistan’s Centre of Excellence and Nuclear Security (PCENS), Chakri
सोर्स/कर्नल विनायक भट्ट (सेवानिवृत्त)/ दिप्रिंट

एकीकृत भौतिक सुरक्षा प्रणालियों को भेदकर बाहरी तत्वों को आसानी से प्रवेश कराया जा सकता है. इसी वजह से उपग्रह चित्रों में विभिन्न प्रकार की सुरक्षा व्यवस्थाएं देखी जा सकती हैं, जिनमें पाकिस्तान के अधिकांश परमाणु प्रतिष्ठानों में मौजूद सुरक्षा प्रणाली भी शामिल है.

परमाणु बिजली संयंत्र के तप्त हिस्से की प्रतिकृति के रूप में ऊंची चिमनी वाला एक वृताकार भवन बनाया गया है. यहां परमाणु संयंत्र के भीतर संभावित तमाम आपात परिस्थितियों को लेकर प्रशिक्षण दिया जाता होगा.

यहां की प्रयोगशालाओं में विभिन्न प्रकार के कार्मिक सत्यापन कार्यक्रमों की ट्रेनिंग दी जाती है और संभावित आपात स्थितियों के बारे में अध्ययन किया जाता है.

प्रशासनिक सुविधाएं

पीसीईएनएस में संस्थान और इसकी विभिन्न इकाइयों के संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशासनिक भवन निर्मित किए गए हैं. वरिष्ठ अधिकारियों, जूनियर कमीशन अधिकारियों और अन्य श्रेणियों के कार्मिकों की रिहाइश के लिए भी इमारतें बनाई गई हैं.


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खाली समय बिताने के लिए संस्थान परिसर में छोटे आकार का एक फोर-होल गोल्फ कोर्स और एक सिनेमा हॉल भी है. सिनेमा हॉल सेमिनारों के लिए व्याख्यान केंद्र का भी काम करता है.

अभ्यास कार्यक्रमों और प्रशासनिक कार्यों के वास्ते आवश्यक वाहनों के लिए पीसीईएनएस में अनेक मोटर गैरेज भी बनाए गए हैं.

(कर्नल विनायक भट (सेवानिवृत्त) ने भारतीय सेना में उपग्रह खुफिया सूचनाओं पर काम किया है, और वे खास तौर पर सिर्फ दिप्रिंट के लिए लिखते हैं.)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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