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Saturday, 16 November, 2024
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यूएनएचआरसी में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने माना ‘कश्मीर भारत का अंग’

रूस, यूएई और यूनाइटेड स्टेट ने कश्मीर मसले पर भारत का साथ दिया है, खुद पाकिस्तानी विदेशमंत्री कुरैशी ने भी जम्मू-कश्मीर को भारतीय राज्य माना है.

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जिनेवा: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर को भारत राज्य कहा है. वह यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट काउंसिल के एक सत्र में बोल रहे थे.

पत्रकारों से बात करते हुए शाह ने कहा, ‘भारत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू किए जाने के बाद दुनिया को बताया है कि वहां स्थिति सामान्य बनी हुई है. अगर सबकुछ इतना ही सामान्य है वहां तो वह आपको, अंतरराष्ट्रीय मीडिया, अंतरराष्ट्रीय ऑर्गेनाइजेशन, गैर सरकारी संस्थान और सिविल सोसाइटी को भारतीय राज्य में जम्मू-कश्मीर जाने से रोक क्यों रही है. उन्हें क्यों नहीं देखने देती की सच्चाई क्या है.’

मजेदार बात यह है कि जब पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी जब जम्मू-कश्मीर को भारतीय राज्य मानते हैं तो फिर विवाद क्या है. बता दें कि आजतक पाकिस्तान और उसके सारे कम्यूनिकेशन अधिकारी जम्मू-कश्मीर को भारत का जम्मू-कश्मीर कहते आ रहे हैं.

कुरैशी का यह बयान यूएनएचआरसी में दिए सत्र के ठीक बाद आया, इस सत्र में उन्होंने कश्मीर को लेकर गलत बयानी की और कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत सरकार के ऐतिहासिक कदम के बाद भारत ने एक झूठी कहानी पेश की.

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएचआरसी) में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए मंगलवार को यह भी आरोप लगाया कि ‘भारत ने कश्मीर को एक जेल में बदल दिया है.’

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएनएचआरसी में कश्मीर मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा, ‘बीते छह हफ्तों से हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता नजरबंद हैं. उन्होंने कहा कि ‘अधिकृत कश्मीर’ को दुनिया की सबसे बड़ी जेल बना दिया गया है.’

उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा, ‘आप सभी को हमने बीबीसी की रिपोर्ट की कॉपी दी है. आप उसे पढ़ लें जिसमें कश्मीरी खुद अपने मुंह से अपने ऊपर होने वाले जु़ल्म का बयान कर रहे हैं.’

कुरैशी ने कहा कि भारत अपने आप को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है जबकि वह कश्मीरी बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यक बनाना चाहता है. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश मीडिया ने कश्मीर में हो रहे जु़ल्म को बेनकाब किया है. वहां दवाओं की भारी कमी है.

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह कश्मीर मसले को हल कराने के लिए दखल दे.

मजे़दार बात यह है कि जिस समय कुरैशी सत्र को संबोधित कर रहे थे ठीक उसी समय पाकिस्तान में मानवाधिकार के बिगड़ते मामले को लेकर यूएन मुख्यालय पर लोग प्रदर्शन कर रहे थे.

एकबार फिर इस्लामाबाद को मुंह की खानी पड़ी क्योंकि रूस, यूएई और यूनाइटेड स्टेट ने कश्मीर मसले पर भारत का साथ दिया. जब पाकिस्तान कश्मीर मसले पर दुनिया भर से गुहार लगा रहा है, मारा-मारा फिर रहा है ऐसे समय में नई दिल्ली से जारी अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है.

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