इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने रविवार को यहां विदेशी राजदूतों को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर में भयावह आत्मघाती विस्फोट के लिए भारत बिना किसी जांच के उसे जिम्मेदार ठहरा रहा है. विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने अफ्रीका और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों के राजनयिकों से यह बात कही.
डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर बताया है कि जंजुआ ने कहा कि ‘इस तरह की घटनाओं के तुरंत बाद बिना किसी जांच के पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने का भारत का रवैया पुराना है.’
पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा कि ‘भारत में जानबूझकर पाकिस्तान विरोधी उन्माद फैलाया जा रहा है’ और चेताया कि भारत के निराधार आरोप और आक्रामक बयानबाजी क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है.
पाकिस्तान समर्थित जैश ए मोहम्मद (जेईएम) ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया था, जिसके तीन दिन बाद इस्लामाबाद का यह बयान आया है। इस हमले में 49 जवान शहीद हुए थे.
पाकिस्तान ने कहा कि वह इस वारदात में उसकी सहभागिता के भारत के आरोप को खारिज करता है क्योंकि ‘उसने यह आरोप हमले से कुछ ही देर बाद और बिना किसी जांच के लगाए हैं.’
विदेश कार्यालय ने बयान में कहा, ‘अतीत में इस तरह की घटनाओं के बाद भारत अपनी सोची समझी रणनीति के अनुरूप इस तरह के बिना सोचे व पूर्वकल्पित आरोप लगाता रहा है.’
बयान में कहा गया, ‘भारत को नकार की मुद्रा से बाहर आना चाहिए, कश्मीरी युवाओं के खिलाफ राज्य दमन को समाप्त करना चाहिए, जम्मू एवं कश्मीर में व्यापक स्तर पर फैले लोगों के अलग-थलग होने के अहसास को हल करना चाहिए और संवाद के रास्ते को अपनाना चाहिए.’
विदेश कार्यालय ने हमलावर के जेईएम के साथ संबंधों का दावा करने वाले वीडियो पर भारत की स्वीकृति को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि नई दिल्ली के दोहरे मानक हैं.
कार्यालय ने कहा, ‘भारत को अपनी सुरक्षा व खुफिया कमियों के बारे में आत्मनिरीक्षण करने और सवालों का जवाब देने की जरूरत है, जिसके कारण यह हमला हुआ. भारत को (आत्मघाती हमलावर) आदिल अहमद डार की गिरफ्तारी और 2017 से उसकी हिरासत की खबरों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.’