भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तानी कैबिनेट के एक खास आदमी और इमरान खान के करीबी ने बताया कि’ अब अंतराष्ट्रीय दवाब भारत पर पड़ रहे है.’
एसएसबी पंजाबी को दिए गए एक खास इंटरव्यू में चौधरी फवाद हुसैन ने कहा, दोनो देशों की टकराहट के बीच केवल तीन रास्ते बचे थे.
‘पहला कि हम युद्ध पर जाते. वैसे तो हम लोगों के बीच पहले से ही तीन युद्ध हुए हो चुके हैं. और एक युद्ध होने से कोई खास फायदा नहीं होगा. खासकर कश्मीरियों और पंजाबियों को. दूसरा, हमारे बीच शीत युद्ध हो सकता है, जो मुझे लगता है कि दोनों देशों को कमजोर करेगा. और तीसरा है दोनों देशों के बीच संवाद होना, जिसके लिए पाकिस्तान तैयार है.
‘लेकिन, दिक्कत भारतीय प्रधानमंत्री के साथ है क्योंकि इस समय वह चुनावों से बहुत अधिक प्रभावित लग रहे हैं.’
हुसैन से सवाल किया गया था कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है, जो कि किसी भी द्विपक्षीय वार्ता को फिर से शुरू करने की भारत की पहली मांग है. सवाल पाकिस्तान द्वारा बुधवार को भारत के खिलाफ एफ-16 साथ जैसे लड़ाकू जेट का उपयोग करना है.
27 फरवरी को, भारत ने एक एफ -16 विमान को मार गिराने का दावा किया था जो पाकिस्तानी क्षेत्र से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गया था. हथियार विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एफ -16 जेट्स की बिक्री की शर्तों में कहा गया है कि इनका इस्तेमाल केवल आतंकवाद विरोधी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, किसी देश के खिलाफ नहीं.
हुसैन ने एफ -16 विमानों के उपयोग से इनकार नहीं किया.
उन्होंने चेतावनी दी, ‘हमने उन्हें अमेरिका से खरीदा है और वे हमें अनुदान में नहीं मिला है. इसलिए हम तय करेंगे कि उनका इस्तेमाल कैसे किया जाए. एफ-16 जेट का उपयोग उस उद्देश्य के लिए किया जाएगा जिसके लिए उनकी आवश्यकता है. लेकिन इंशाअल्लाह, हम आशा करते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी.’
‘आतंकवादियों का खात्मा एक जमीनी कार्रवाई है, इसके लिए एफ -16 की जरूरत नहीं है. यह आमतौर पर एक ग्राउंड ऑपरेशन या पुलिस द्वारा कि गई कार्रवाई है.’
उन्होंने एसबीएस पंजाबी को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बिगड़ते हैं तो सबसे ज्यादा नुकसान पंजाबियों और कश्मीरियों को ही होता है’. क्योंकि उनके राज्य की सीमा पर लगातार घुसपैठ होती रहती हैं.
करतारपुर कॉरिडोर रुका
यह पूछने पर कि पाकिस्तान ने बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरिडोर पर काम क्यों रोक दिया है और पड़ोसी मुल्क भारत को जोड़ने वाली समझौता एक्सप्रेस को अचानक से रोके जाने पर, उन्होंने कहा कि वे दोनों जल्द ही खोले जाएंगे.
‘क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से, हमें भारत और पाकिस्तान के बीच संपर्क के इन दो बिंदुओं को स्थिर करना है. खासकर करतारपुर कॉरिडोर क्योंकि यह हमारी पहल थी.’
‘लेकिन हमें यकीन है कि भारत में होने वाले आम चुनावों तक, हम द्विपक्षीय संबंधों के प्रगाढ़ होने की उम्मीद नहीं कर सकते. नरेंद्र मोदी का पूरा ध्यान आना वाला लोकसभा चुनाव है, विशेष रूप से गाय बेल्ट में (कुछ उत्तर भारतीय राज्यों का संदर्भ).’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की रिहाई की घोषणा के बाद, दक्षिण एशिया में शांति बढ़ाने का दबाव अब भारत पर है.
‘हम युद्ध को खत्म करने और उसकी ओर अग्रसर नहीं होने के लिए प्रयासरत हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव होने की स्थिति में पूरी दुनिया को उससे झेलना होगा.
इन आतंकी नेटवर्कों को तोड़ना आसान नहीं
‘पाकिस्तान आंतरिक जिहादी समूहों के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है लेकिन हम उनके साथ नहीं हैं. वे यहां 30 सालों से हैं. अफ़गानिस्तान के साथ चल रहा संघर्ष इसी का नतीजा है. अगर गौर करें तो ओसामा बिन लादेन भी यहीं मारा गया था. इसलिए इन आतंकी नेटवर्कों को तोड़ना आसान नहीं है.
हुसैन ने कहा, ‘हमें कुछ सफलता मिली है, लेकिन हमने इस कठिन लड़ाई में 70,000 लोगों को खो दिया है. अगर हम भारत के साथ चले आ रहे संघर्षों से अपना ध्यान भटका लेते हैं तो हमारा ध्यान आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई से हट जाएगा. इसलिए हम आतंकवाद के खिलाफ सफलता के लिए क्षेत्रीय सहयोग की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन अगर हम एक-दूसरे से ऐसे ही लड़ते रहें, तो हम केवल एक-दूसरे को कमजोर करेंगे. ‘
‘युद्ध को भड़काने वाला’
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे हालिया तनाव की स्थिति के समय भारतीय टीवी चैनलों ने युद्ध को भड़काने वाली स्थिति उत्पन्न कर दी है और पाकस्तानी टीवी चैनल भी उसी का अनुसरण कर रहे हैं.
हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान के सूचना मंत्री के रूप में, वह मीडिया और विशेष रूप से टीवी द्वारा फर्जी खबरों और हिंसा भड़काने को लेकर बहुत सचेत हैं.
‘भारतीय मीडिया पाकिस्तान में हिंसा भड़का रहा है.यह आतंक के खिलाफ हमारे युद्ध को प्रभावित करता है. पाकिस्तानी मीडिया बहुत बेहतर स्थिति में है क्योंकि उनके पास इससे बचने के सख्त निर्देश हैं. लेकिन आप सही हैं, हमें चीजों को दुरुस्त करने की जरूरत है और मैं उस पर अपना ध्यान केंद्रित किए हूं.’
जहां पाकिस्तान गैस की आपूर्ति और बिजली की सप्लाई जैसी घरेलू चुनौतियों से दो-चार हो रहा है वहीं भारत पाकिस्तान पर नकारात्मक रूप से ध्यान केंद्रित किया है.
उन्होंने कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने पर केंद्रित है, गैस और बिजली के बिलों का भुगतान करने को लेकर. हम युद्ध नहीं चाहते.’
एसबीएस पंजाबी ने भारतीय सूचना मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से इस मसले पर टिप्पणी लेने की कोशिश की, लेकिन वह उपलब्ध नहीं थे.
(यह खबर एसबीएस पंजाबी से ली गई है, इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)