इस्लामाबाद,11 मार्च (भाषा) पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय ने अत्यधिक संख्या में अध्यादेश जारी करने को लेकर एक ऐतिहासिक फैसले में प्रधानमंत्री इमरान खान नीत सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि अध्यादेश सिर्फ तत्काल जरूरी विषयों पर लागू किया जा सकता है।
शीर्ष न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति या गवर्नर संवैधानिक जरूरतें होने पर ही अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
न्यायालय ने कहा कि अध्यादेश सिर्फ आपातकालीन विषयों में ही जारी किया जा सकता है। न्यायालय ने सरकार चलाने के लिए अत्यधिक संख्या में अध्यादेश जारी किये जाने के खिलाफ फैसला सुनाया।
उच्चतम न्यायालय की पीठ द्वारा 30 पन्नों का यह ऐतिहासिक फैसला, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को जुलाई 2021 में यह कहे जाने के बाद आया है कि (प्रधानमंत्री खान की पार्टी) पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ सरकार ने जुलाई 2018 में सत्ता में आने के बाद से कम से कम 54 अध्यादेश जारी किये हैं।
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, प्रांतीय अदालत से कहा गया था कि कुछ अध्यादेश तो संघीय सरकार के दैनिक कामकाज को संचालित करने के लिए जारी किये गये।
पाकिस्तान नेशनल असेंबली की वेबसाइट के मुताबिक 16 से अधिक अध्यादेश मौजूदा सरकार के तीसरे संसदीय वर्ष में जारी किये गये।
उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति और प्रांतीय गवर्नर अध्यादेश जारी कर सकते हैं, लेकिन अध्यादेश जारी करने की उनकी शक्ति संविधान द्वारा सीमित की गई है।’’
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश
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