नई दिल्लीः नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के समर्थकों ने सोमवार को सुप्रीम के प्रतिनिधि सभा को फिर से बहाल करने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया.
बड़ी संख्या में ओली के समर्थक इकट्ठे हो गए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे. प्रतिनिधि सभा को भंग करने के खिलाफ करीब 30 याचिका दायर की गई थी. करीब 145 सांसदों ने सदन को बहाल करने और शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाए जाने के लिए अपील की थी.
मुख्य न्यायाधीश राणा ने पांच सदस्यों की बेंच गठित की थी जिसने प्रतिनिध सभा को बहाल करते हुए राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को निर्देश दिया कि नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेर बहादुर देउबा को मंगलवार तक प्रधानमंत्री नियुक्त किया. पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति भंडारी का निचले सदन को भंग करने का फैसला असंवैधानिक कृत्य था.
देउबा (74) इससे पहले चार बार- पहली बार 1995-1997, दूसरी बार 2001-2002, तीसरी बार 2004-2005 और चौथी बार 2017-2018 तक- प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
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