न्यूयॉर्क: परमाणु हथियारों पर शोध करने वाले जाने माने विद्वान और पुलित्जर से सम्मानित मार्टिन जे शेरविन का 84 साल की उम्र में निधन हो गया है.
शेरविन ने जापान पर अमेरिकी परमाणु बम हमले के समर्थन को चुनौती दी थी और उन्होंने भौतिक विज्ञानी जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर पर शोध में करीब दो दशक का समय बिताया तथा उनकी जीवनी ‘अमेरिकन प्रोमेथियस’ के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता.
शेरविन के मित्र और इलिनॉय यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर एंड्रयू हार्टमैन के अनुसार शेरविन का निधन बुधवार को वाशिंगटन में उनके घर पर हुआ. वह 84 साल के थे और फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे थे. ‘अमेरिकन प्रोमेथियस’ के सह लेखक एवं शेरविन के करीबी मित्र काई बर्ड ने उन्हें परमाणु युग का संभवत: सबसे श्रेष्ठ इतिहासकार’ बताया है.
बर्ड ने कहा, ‘जब हमने अमेरिकन प्रोमेथियस पर काम शुरू किया तो उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे पास शोध के लिए काफी कुछ है लेकिन कुछ कमियां हैं. हालांकि जब मैंने सारी सामग्री को देखना शुरू किया तो मुझे कहीं कोई कमी नजर नहीं आयी.’
शेरविन न्यूयॉर्क सिटी के रहने वाले थे. वह नौसेना में जूनियर अधिकारी थे. डार्टमाउथ कॉलेज में स्नातक के समय से ही परमाणु अनुसंधान को लेकर उनमें रूचि थी. उन्हें 2005 में प्रकाशित ‘अमेरिकन प्रोमेथियस’ से अधिक पहचान मिली और इस आत्मकथा के कारण वह पुलित्जर से सम्मानित हुए.
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