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Friday, 15 November, 2024
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नोवेल एंटीवायरल कोटिंग कोविड के स्वरूपों को अंधेरे में भी निष्क्रिय करने में सक्षम

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तोक्यो, 15 अप्रैल (भाषा) जापान के वैज्ञानिकों ने नयी एंटीवायरल कोटिंग (वायरस रोधी परत) विकसित की है जो घर के अंदर रोशनी में और अंधेरे में भी कोरोना वायरस के स्वरूपों को निष्क्रिय कर देती है।

यह परत नारा चिकित्सा विश्वविद्यालय, कनागावा औद्योगिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान और तोक्यो प्रौद्योगिकी संस्थान ने टाइटेनियम डाई ऑक्साइड (टीआईओ2) और कॉपर ऑक्साइड (सीयूएक्सओ) यौगिकों को मिलाकर तैयार की है।

उन्होंने रेखांकित किया कि सार्स- कोव-2 वायरस संक्रमित व्यक्ति के मुंह, नाक से हवा में निकले जल की बूंदों से फैलता है और ये बूंदे कई सतह पर मौजूद रहती हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वायरस से संक्रमण विशेषतौर पर घर के अंदर के वातावरण में होता है जब कई लोग साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि वायरस रोधी रसायनों जैसे अल्कोहोल और हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल नियमित संपर्क में आने वाले सतहों को विषाणु मुक्त करने के लिए किया जाता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि ये रसायन विषाणु को उसके प्रोटीन को खंडित कर निष्क्रिय करते हैं। हालांकि, ये अस्थिर प्रकृति के होते हैं और आसानी से वाष्प में तब्दील हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इसका नतीजा होता है कि संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया नियमित तौर पर दोहरानी पड़ती है।

जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अनुसंधान के मुताबिक ठोस अवस्था में फोटोकैटिलिस्ट वायरस के खिलाफ वैकल्पिक रक्षा उपाय हो सकते हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि संक्रमणमुक्त करने वाले रसायनों के मुकाबले ठोस परत लंबे समय तक रहती है और इसका एक फायदा यह है कि ये विषाक्त नहीं होते , प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और रासायनिक और ऊष्मा से अपेक्षाकृत स्थिर हैं।

उन्होंने बताया कि इनमें से कई ठोस परतों में टीआईओ2 का इस्तेमाल किया जाता है जो पैराबैंगनी रोशनी के संपर्क में आते हैं तो ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया करते हैं और जैविक पदार्थों को नष्ट कर सकते हैं जैसे स्पाइक प्रोटीन जो वायरस को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद करता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया, हालांकि, यह परत केवल पैराबैंगनी रोशनी में ही सक्रिय होती है न कि मौजूदा घरों के भीतर के माहौल में।

उन्होंने बताया कि यह परत रोशनी और अंधेरे में भी काम करे इसलिए उनकी टीम ने टीआईओ2 और सीयूएक्सओ नौनोक्ल्स्टर्स का संयोजक तैयार किया।

उन्होंने बताया कि सीयूएक्सओ नैनोक्ल्स्टर्स में सीयू(I) और सीयू (II) का ऑक्साइड का मिश्रण होता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि सीयू(II) प्रकार सीयूएक्सओ में दिखने वाली रोशनी में होने वाले फोटोकैटिलाइसिस प्रतिक्रिया में योगदान करता है जबकि सीयू(I) वायरस प्रोटीन को विकृत करने में अहम भूमिका निभाता है और इस प्रकार अंधेरे में भी वायरस को निष्क्रिय करता है।

उन्होंने कांच पर सीयूएक्सओ/टीआईओ2 की परत चढ़ा कर दिखाया कि यह कोरोना वायरस के अत्याधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप को भी निष्क्रिय कर सकता है।

उन्होंने पुष्टि की कि यह परत वायरस के अल्फा, बीटा और गामा स्वरूप पर भी कारगर है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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