(हीदर खरौबा और स्टेफनी ए. रिवेस्ट, ल’यूनिवर्सिटी डी’ओटावा/ओटावा विश्वविद्यालय)
ओटावा, 24 फरवरी (द कन्वरसेशन) आक्रामक प्रजातियां देशी जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र को खतरे में डालती हैं या नहीं, यह वर्षों से शोधकर्ताओं के बीच बहस का विषय रहा है।
आक्रामक प्रजातियों ने देशी प्रजातियों के विलुप्त होने का कारण बनने के साथ ही पारिस्थितिक तंत्र के कामकाज को भी बदल दिया है। लेकिन सभी प्रजातियां जो नए क्षेत्रों में पेश की जाती हैं वे आक्रामक नहीं होतीं – अर्थात वे नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती हैं।
इसके बावजूद, सभी गैर-देशी प्रजातियों को हानिकारक के रूप में चिह्नित किया गया है। इस तरह की सोच ने संरक्षण प्रबंधन कार्यों को आम तौर पर ‘प्राकृतिक’ परिदृश्यों को बहाल करने के लक्ष्य के साथ गैर-देशी प्रजातियों के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करने का कारण बना दिया है।
इसने गैर-देशी प्रजातियों के नकारात्मक परिणामों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान का नेतृत्व किया है। और इसने पर्यावरण की स्थिति का वर्णन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले जैव विविधता संकेतकों के रूप में इन प्रजातियों की भूमिका को सामने आने से रोक दिया है।
सामूहिक रूप से, इसने इस विचार को कायम रखा है कि देशी प्रजातियाँ अच्छी होती हैं और गैर-देशी प्रजातियाँ खराब होती हैं। लेकिन क्या होगा अगर हम गैर-देशी प्रजातियों के बारे में गलत हैं?
कुछ गैर-देशी प्रजातियां अच्छी होती हैं
यह ठीक है कि हमें गैर-देशी प्रजातियों से सावधान रहना जारी रखना चाहिए, विशेष रूप से जिनका अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, वास्तविकता यह है कि पारिस्थितिक समुदायों में अधिकांश गैर-देशी प्रजातियों की भूमिका अनिश्चित या जटिल है।
कुछ गैर-देशी प्रजातियाँ देशी प्रजातियों के विलुप्त होने का एक प्रमुख कारण हैं जबकि अन्य क्षेत्रीय जैव विविधता में योगदान करती हैं।
वैज्ञानिक गैर-देशी प्रजातियों की सकारात्मक भूमिकाओं के उदाहरणों पर काम कर रहे हैं जैसे कि देशी प्रजातियों को भोजन प्रदान करना, आवास बनाना या पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में भूमिका निभाना।
उदाहरण के लिए, वैंकूवर द्वीप के लुप्तप्राय गैरी ओक सवाना पारिस्थितिकी तंत्र में देशी तितलियों को पराग के लिए गैर-देशी फूलों का उपयोग करते हुए पाया गया, विशेष रूप से देर से गर्मियों में जब देशी फूल दुर्लभ होते हैं।
एक अधिक जटिल उदाहरण कैलिफोर्निया रिजवे रेल का मामला है, जो सान फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में दलदली आवासों का एक लुप्तप्राय पक्षी है।
19वीं शताब्दी की शुरुआत से, कृषि और शहरी विकास के लिए दलदली आवासों के विनाश के कारण मुख्य रूप से इस प्रजाति में नाटकीय रूप से गिरावट आई है।
आज, यह पक्षी शिकारियों से बचने और घोंसले बनाने के लिए, 1970 के दशक में कैलिफोर्निया में पेश किए गए गैर-देशी नमकीन पानी में पनपने वाली कॉर्डग्रास पर निर्भर करता है।
गैर-देशी कॉर्डग्रास का पौधा लंबा होता है इसलिए यह पक्षियों के लिए आवरण प्रदान करता है और दलदली आवास के क्षेत्र में वृद्धि करके इन पक्षियों के आवासों को बढ़ाता है।
2000 के दशक के दौरान कॉर्डग्रास को खत्म करने का प्रयास रेल की संख्या में गिरावट का कारण बना। यह दर्शाता है कि कैसे गैर-देशी प्रजातियों का उपयोग आवासों को बहाल करने और कुछ देशी प्रजातियों का समर्थन करने के लिए किया जा सकता है।
हा, कॉर्डग्रास कीचड़ वाली भूमि को आर्द्रभूमि में भी परिवर्तित करता है, जो उन शोरबर्ड्स को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जिन्हें खाना ढूंढने के लिए इस तरह के आवास की आवश्यकता होती है। आज इस बात के प्रयास किए जा रहे हैं कि रेल की संख्या पर निगरानी के साथ कॉर्डग्रास को हटाने का काम संतुलित ढंग से किया जाए।
गैर-देशी प्रजातियों का प्रबंधन
10 से अधिक वर्षों से गैर-देशी प्रजातियों पर शोध करने वाले पारिस्थितिकीविदों के रूप में, हम मानते हैं कि गैर-देशी प्रजातियों की नकारात्मक धारणा और उनके प्रबंधन के लिए एकतरफा आक्रामक दृष्टिकोण प्रमुख वैज्ञानिकों, संरक्षणकर्ताओं और नीति निर्माताओं को इन प्रजातियों की सकारात्मक भूमिकाओं को कम आंकने के लिए प्रेरित कर सकता है। गैर-देशी प्रजातियों को नियंत्रित करना महंगा, समय लेने वाला और लंबी अवधि में अप्रभावी हो सकता है। देशी प्रजातियों पर तटस्थ या सकारात्मक प्रभाव डालने वाली गैर-देशी प्रजातियों को खत्म करने के लिए पैसा, समय और प्रयास खर्च करना व्यर्थ है क्योंकि उन सीमित संसाधनों को बेहतर उपयोग में लाया जा सकता है।
कुछ क्षेत्रों और शहरों में, गैर-देशी प्रजातियाँ सभी प्रजातियों के आधे से अधिक हैं। कल्पना कीजिए कि इन स्थानों में सभी गैर-देशी प्रजातियों को नियंत्रित करने के लिए किस पैमाने के प्रयास की आवश्यकता होगी।
हमें इस विचार पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है कि सभी गैर-देशी प्रजातियां हानिकारक हैं। हमें उनके खिलाफ कार्रवाई करने से पहले गैर-देशी प्रजातियों के प्रभावों की पूरी श्रृंखला का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। और उन्मूलन के प्रयास उन स्थितियों के लिए आरक्षित होने चाहिए जहां ऐसा करने से सबसे अधिक लाभ होगा।
विज्ञान रास्ता दिखाता है
हम दो तरीके सुझाते हैं जिससे विज्ञान हमें आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।
सबसे पहले, कठोर जैविक अनुसंधान यह प्राथमिकता देने में मदद कर सकता है कि कौन सी गैर-देशी प्रजातियों को हटाया जाना चाहिए और किसे अबाधित छोड़ा जा सकता है।
ऐसे मामलों में जहां गैर-देशी प्रजातियों को हटाने की आवश्यकता होती है, ऐसे अध्ययन हमें यह भी बता सकते हैं कि मौजूदा मूल समुदाय का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त प्रबंधन की आवश्यकता कब होगी।
वैंकूवर द्वीप पर गैरी ओक पारिस्थितिक तंत्र में, देशी तितलियों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले गैर-देशी फूलों को छोड़ा जा सकता है, जबकि अन्य को हटाने के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है।
यदि सभी गैर-देशी फूलों को हटाना हो तो प्रबंधक यह सुनिश्चित करने के लिए देशी फूल लगा सकते हैं कि तितलियों और अन्य परागणकों को पर्याप्त खाद्य संसाधन मिलते रहें।
दूसरा, पारिस्थितिक समुदायों में गैर-देशी प्रजातियों के शुद्ध प्रभावों पर शोध करने से हमारी संरक्षण रणनीतियों की प्रभावशीलता में सुधार हो सकता है।
हमें और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है जो समान गैर-देशी प्रजातियों के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभावों पर स्पष्ट रूप से विचार करें।
हम यह सुझाव नहीं दे रहे हैं कि हमें कुछ गैर-देशी प्रजातियों के कारण होने वाली गंभीर समस्याओं को कम करने के अपने प्रयासों को छोड़ देना चाहिए, या यह कि सरकारों को संभावित हानिकारक प्रजातियों को अपने अधिकार क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने का प्रयास बंद कर देना चाहिए।
इसके बजाय, हम संरक्षण विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं से आग्रह करते हैं कि वे आसपास के आवासों के प्रबंधन को व्यवस्थित करें और प्राथमिकता दें कि क्या प्रजातियां जैव विविधता के लिए अधिक फायदेमंद या हानिकारक हैं।
द कन्वरसेशन एकता एकता
????
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.