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रविवार, 8 जून, 2025
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पाकिस्तान के साथ अगली बातचीत पीओके को वापस लेने पर होनी चाहिए: अभिषेक बनर्जी

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कुआलालंपुर, एक जून (भाषा) मलेशिया की यात्रा पर गए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ अगली बातचीत केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने पर होनी चाहिए।

कुआलालंपुर में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत में बनर्जी ने कहा, ‘‘विभिन्न सरकारों के बदलने के बावजूद हम दशकों से उनके (पाकिस्तान के) साथ बातचीत कर रहे हैं। लेकिन एक चीज बरकरार है – पाकिस्तान के साथ गतिरोध।’’

जद (यू) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल बनर्जी ने कहा, ‘‘22 अप्रैल को जो कुछ हुआ, जिसमें 26 लोगों की सिर्फ उनके धर्म के आधार पर गोली मारकर हत्या कर दी गई…मैं चाहता हूं कि सरकार पाकिस्तान के साथ सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने के मुद्दे पर बातचीत करे। अन्यथा, ये आतंकवादी हमले जारी रहेंगे।’’

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके पर ही होगी।

प्रवासी समुदाय के साथ बातचीत के दौरान, झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख से अवगत कराया।

सदस्यों ने प्रतिभागियों को दशकों से भारत को प्रभावित करने वाले सीमा पार आतंकवाद, विशेष रूप से पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी दी।

कुआलालंपुर स्थित भारतीय उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रवासी समुदाय के सदस्यों को भारत के संदेश को विभिन्न समुदायों और मंचों पर साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस संवाद में भारतीय प्रवासी सदस्यों के विचार भी सुने गए, जिनमें मलेशियाई भारतीय मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल थे, जिन्होंने सीमा पार आतंकवादी हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की।’’

बनर्जी ने कहा कि 22 अप्रैल के हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के न्याय करने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए दो सप्ताह तक इंतजार किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि 14 दिन बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये सीमा पार नौ आतंकी ठिकाने नष्ट कर दिए।

बनर्जी ने पूछा, ‘‘हम सभी सबूतों को सार्वजनिक रूप से पेश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर तस्वीरें हैं कि पाकिस्तानी सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते देखे गए। भारत दुनिया को इससे ज्यादा क्या सबूत दे सकता है?’’

उन्होंने प्रवासी सदस्यों से अनुरोध किया कि जब वे भारत आएं तो कश्मीर में तीन-चार दिन बिताएं।

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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