काठमांडू, 27 मई (भाषा) जाने-माने नेपाली शेरपा गाइड कामी रीता ने मंगलवार को 31वीं बार माउंट एवरेस्ट फतह कर दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की चोटी पर सबसे अधिक बार सफलतापूर्वक पहुंचने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इस चढ़ाई अभियान के आयोजक ‘सेवन समिट ट्रेक्स’ के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने बताया कि 55 वर्षीय पर्वतारोही मौसम की स्थिर स्थिति में सुबह करीब चार बजे 8,849 मीटर ऊंचे शिखर पर पहुंचे।
उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी के नेतृत्व में भारतीय सेना के ‘एडवेंचर विंग एवरेस्ट’ अभियान की एक टीम की अगुवाई की।
‘काठमांडू पोस्ट’ समाचार पत्र ने मिंगमा के हवाले से कहा, ‘‘यह नयी उपलब्धि दुनिया के शीर्ष पर सबसे अधिक बार पहुंचने के रिकॉर्ड धारक के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत करती है – एक ऐसा रिकॉर्ड, जिसके करीब कोई नहीं पहुंच पाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कामी रीता शिखर की चोटी पर पहुंचने के बाद सुरक्षित और स्थिर हैं। उन्होंने उतरना शुरू कर दिया है और आधार शिविर की ओर वापस जा रहे हैं।’’
मिंगमा ने कहा, ‘‘कामी ने हमेशा की तरह पहाड़ पर अपनी बेजोड़ दक्षता और पेशेवराना अंदाज का प्रदर्शन किया है। हमें उनकी उपलब्धि और उनके द्वारा बनाई जा रही विरासत पर बेहद गर्व है।’’
‘सेवन समिट ट्रेक्स’ के अभियान निदेशक छांग दावा शेरपा ने बताया कि कामी रीता में कम उम्र से ही पर्वतारोहण के लिए जुनून था और वह दो दशकों से अधिक समय से पहाड़ों पर चढ़ रहे हैं।
उनकी पर्वतारोहण यात्रा 1992 में तब शुरू हुई जब वह एक सहायक कर्मचारी के रूप में एवरेस्ट की चढ़ाई के अभियान में शामिल हुए।
दावा ने बताया कि 1994 से 2025 के बीच कामी रीता ने के2 और ‘माउंट लोत्से’ को एक-एक बार, मनास्लू को तीन बार और चो ओयू को आठ बार फतह किया।
हर साल सैकड़ों पर्वतारोही नेपाल से ‘माउंट एवरेस्ट’ पर चढ़ने का प्रयास करते हैं। एवरेस्ट पर सबसे पहले 1953 में न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाली शेरपा तेनजिंग नॉरगे ने चढ़ाई की थी।
भाषा सिम्मी मनीषा
मनीषा
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