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रविवार, 18 मई, 2025
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नेपाल: ‘सागरमाथा संवाद’ में पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया गया

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(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, 18 मई (भाषा) नेपाल की राजधानी काठमांडू में पहला ‘सागरमाथा संवाद’ 25 सूत्रीय ‘सागरमाथा कार्रवाई आह्वान’ को अपनाने के साथ संपन्न हुआ, जिसमें मौजूदा जलवायु संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कदम उठाने की अपील की गई है।

‘सागरमाथा संवाद’ के माध्यम से पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया।

यहां 16 से 18 मई तक आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक संवाद में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें भारत, चीन, भूटान और अजरबैजान की सरकारों के विशेषज्ञ और अधिकारियों, बहुपक्षीय संस्थाओं, शिक्षा जगत, नागरिक समाज, निजी क्षेत्र और मीडिया जगत के लोग शामिल थे।

संवाद के अंत में एक बयान में कहा गया, ‘‘जलवायु परिवर्तन एक अभूतपूर्व चुनौती है और मानव जाति की वर्तमान और भावी पीढ़ियों की भलाई तत्काल और त्वरित प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है।’’

संवाद के बाद जारी घोषणापत्र में पर्यावरण को बरकरार रखने की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार किया गया, क्योंकि पर्वतीय ग्लेशियर और हिमक्षेत्र घट रहे हैं, जिससे नदी प्रणालियों पर दबाव बढ़ रहा है।

ये नदी प्रणालियां प्रजातियों, पारिस्थितिकी तंत्र और आनुवंशिक संसाधनों के लिए जीवन रेखा हैं।

‘जलवायु परिवर्तन, पर्वत और मानवता का भविष्य’ विषय के तहत आयोजित इस संवाद में ‘ग्लोबल वार्मिंग’ (वैश्विक ताप) के मद्देनजर पर्वतीय क्षेत्रों पर बढ़ते जोखिम को रेखांकित किया गया।

प्रतिभागियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्लेशियर के अभूतपूर्व दर से पिघलने के कारण जलवायु परिवर्तन का प्रभाव केवल पर्वतीय क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव निचले क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों तक भी फैल रहा है।

भाषा शफीक संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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