मिशेल वार्ड, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय
क्वींसलैंड, सात फरवरी (द कन्वरसेशन) पिछले 250 वर्षों में जब से यूरोपीय लोगों ने ऑस्ट्रेलिया को अपना उपनिवेश बनाया है, पूरे महाद्वीप से देशी परिंदे गायब हो गए हैं। हमारे नए शोध में पहली बार यह बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया ने वास्तव में कितना खोया है – और हमारे निष्कर्ष आश्चर्यजनक रूप से दुखद हैं।
हमने आज विलुप्त होने की कगार पर खड़े पक्षियों की 72 प्रजातियों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनमें कंगारू द्वीप का चमकदार काला कॉकटू, रीजेंट हनीईटर और नाइट पैरेट शामिल है। हमने पाया कि 53 करोड़ हेक्टेयर, या 69%, ऑस्ट्रेलिया ने कम से कम एक पक्षी प्रजाति को खोया है। देश के कुछ हिस्सों में हमने 17 प्रजातियों को खो दिया है।
भूमि समाशोधन, बिल्ली के शिकार जैसे खतरों के साथ, दस पक्षियों को उनके 99% से अधिक ऐतिहासिक आवास को छोड़कर चले जाना पड़ा। वास्तव में, पिछले 250 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि पर 10 करोड़ हेक्टेयर – जो कि ऑस्ट्रेलिया के भूभाग का 15% है-से अधिक पक्षियों के रहने के स्थानों को साफ कर दिया गया और इन स्थानों पर रहने वाले पक्षी ही अब लुप्तप्राय हैं।
कई प्रजातियों की हमने जांच की, उनके बचे खुचे आवास अब खेतों, कस्बों और शहरों से घिरे हुए हैं। पक्षियों और अन्य जानवरों को जीवित रहने का मौका देने के लिए, हमें न केवल मौजूदा आवासों की रक्षा के लिए, बल्कि जलवायु परिवर्तन के तहत खोए हुए आवास को बहाल करने और भविष्य के आवास का प्रबंधन करने के लिए भी प्रभावी राष्ट्रीय नेतृत्व की आवश्यकता है।
खो गये, पर भुलाये नहीं गये
पिछले 250 वर्षों में 22 देशी पक्षी विलुप्त हो चुके हैं। हमने पाया कि ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण कानून के तहत वर्तमान में खतरे के रूप में सूचीबद्ध दो और भी अब विलुप्त हो सकते हैं।
इनमें एक है ईस्टर्न स्टार फिंच। यह पक्षी कभी उत्तरी न्यू साउथ वेल्स से क्वींसलैंड की बर्डेकिन नदी में पाया जाता था। अतिचारण का शिकार, इसे 1995 के बाद से नहीं देखा गया है। आश्चर्यजनक रूप से, इस पक्षी को [ऑस्ट्रेलियाई कानून] के तहत ‘‘गंभीर रूप से लुप्तप्राय’’ के बजाय केवल ‘‘लुप्तप्राय’’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
दूसरा तिवी द्वीप हुड वाला रॉबिन है, जिसे पिछले 27 बरस से देखा नहीं गया है। यूरोपीय उपनिवेशीकरण और बिल्लियों जैसी आक्रामक प्रजातियों के हमलों के साथ साथ आग लगने की घटनाओं के बदले स्वरूप ने संभवतः इसके विलुप्त होने में योगदान दिया है।
अन्य प्रजातियां भी अब गिनती की बची हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिमी तोता, जो किसी समय पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के बड़े हिस्से में दिखाई देता था, लेकिन अब केवल दो स्थानों पर है: केप एरिड नेशनल पार्क और न्यूट्सलैंड नेचर रिजर्व।
ये पक्षी अपने प्राकृतिक निवास स्थान के विनाश, आक्रामक प्रजातियों और परिवर्तित आग पैटर्न के कारण अपने ऐतिहासिक आवास के 99% से अधिक में स्थानीय रूप से विलुप्त हो गए हैं। उदाहरण के लिए, 2019-2020 की आग ने पक्षियों के अंतिम शेष आवास का 40% नष्ट कर दिया।
रीजेंट हनीईटर की दुर्दशा की एक और दुखद कहानी है। एक समय एडिलेड से ब्रिस्बेन के उत्तर में इन्हें हजारों की संख्या में देखा जाता था, 1865 में प्रकृतिवादी जॉन गोल्ड ने लिखा: न्यू साउथ वेल्स में मैंने इन्हें बड़ी संख्या में देखा। मैंने कभी-कभी पचास से सौ के झुंड देखे।
आज, केवल 100 प्रजनन जोड़े बचे हैं, और लगभग सभी एनएसडब्ल्यू में केवल तीन साइटों में प्रजनन करते हैं। प्रजातियों ने अपने ऐतिहासिक आवास का 86% से अधिक खो दिया है। हालत यह है कि गीत गाकर अपने साथी को रिझाने वाले इस पक्षी के नन्हे बच्चे ठीक से गाना नहीं सीख पा रहे, इसलिए उन्हें साथी नहीं मिलता और संख्या बढ़ने की संभावना समाप्त होती जा रही है।
विलुप्त होने की लहर
हमारे शोध ने पिछले आवासों का पता लगाने के लिए ऐतिहासिक फील्ड गाइड, संदर्भ पुस्तकें, शोध पत्र, सरकारी रिकॉर्ड, स्थानिक डेटा, और विशेषज्ञ अभिरुचि के संयोजन का उपयोग किया, और उनकी तुलना वर्तमान आवासों से की।
हमने महाद्वीपीय मुख्य भूमि ऑस्ट्रेलिया के कुछ क्षेत्रों को दूसरों की तुलना में बदतर स्थिति में पाया।
उदाहरण के लिए, हमने विक्टोरिया में स्वान हिल और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में मार्मन जाबुक रेंज के बीच के क्षेत्रों को विलुप्त होने वाले पक्षियों के हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया। इस क्षेत्र में, 17 पक्षी विलुप्त हो चुके हैं।
इसी तरह, पिछली शताब्दी में, सभी ज्ञात भूमि-आधारित प्रजनन पक्षियों में से लगभग 10% एसए के माउंट लॉफ्टी पर्वतमाला में गायब हो गए। इसमें रूफस फील्डव्रेन, बुश स्टोन-कर्लव, ग्राउंड पैरेट, किंग क्वेल, एज़ूर किंगफिशर, बार्किंग आउल, रीजेंट हनीईटर और स्विफ्ट पैरेट शामिल हैं।
यदि हम पक्षियों के आवास को बचाने के लिए भूमि के प्रबंधन और उपयोग के तरीके में मूलभूत परिवर्तन नहीं करते हैं, तो पक्षियों के विलुप्त होने की लहर ऑस्ट्रेलिया को उनके कलरव से महरूम करती रहेगी।
द कन्वरसेशन एकता
एकता
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