scorecardresearch
Wednesday, 25 December, 2024
होमविदेशराष्ट्रव्यापी अध्ययन से खुलासा- पाकिस्तान के 90% से ज्यादा छात्र गणित, विज्ञान में कमजोर

राष्ट्रव्यापी अध्ययन से खुलासा- पाकिस्तान के 90% से ज्यादा छात्र गणित, विज्ञान में कमजोर

अध्ययन में यह भी पाया गया कि 50 छात्रों में से केवल एक के पास शब्दों में लिखी गई संख्याओं को संख्यात्मक रूपों में बदलने की बुनियादी क्षमता थी.

Text Size:

कराची: पाकिस्तान में प्राथमिक और निम्न-माध्यमिक स्कूलों के 90 प्रतिशत से अधिक छात्र कमजोर हैं या उनमें गणित और विज्ञान की बुनियादी समझ की कमी है. मीडिया की खबर में एक विश्वविद्यालय के राष्ट्रव्यापी अध्ययन का हवाला देते हुए यह बात कही गई.

अखबार ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की खबर के अनुसार आगा खान विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट पाकिस्तान’ (आईईडी) द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया कि 50 छात्रों में से केवल एक के पास शब्दों में लिखी गई संख्याओं को संख्यात्मक रूपों में बदलने की बुनियादी क्षमता थी.

अध्ययन के तहत देश भर के 153 सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा पांच, छह और आठ के 15,000 से अधिक छात्र गणित और विज्ञान में मानकीकृत परीक्षा में बैठे. पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग द्वारा वित्त पोषित अध्ययन के अनुसार जब मूल्यांकन किया गया तो छात्रों का गणित में औसत अंक 100 में से 27 था जबकि विज्ञान में औसत अंक 100 में से 34 रहा.

केवल एक प्रतिशत छात्रों ने किसी भी विषय में 80 से अधिक अंक प्राप्त किए, जिसे शोधकर्ताओं ने ‘‘उत्कृष्ट समझ’’ कहा है. अध्ययन में कहा गया है कि निजी स्कूलों में औसत अंक सरकारी स्कूलों की तुलना में अधिक था, लेकिन किसी भी विषय में 40 से अधिक नहीं था. पंजाब में औसत अंक देश के सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक था, लेकिन किसी भी विषय में 40 से अधिक नहीं था. अध्ययन में कुल 78 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और 75 निजी स्कूलों ने भाग लिया. इनमें से 80 प्रतिशत छात्र उच्च विद्यालय या उससे कम शिक्षा प्राप्त माता-पिता के बच्चे थे.

अध्ययन से जुड़ीं सहायक प्रोफेसर नुसरत फातिमा रिजवी ने कहा विज्ञान और गणित की शिक्षा पर भागीदारों और नीति निर्माताओं को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments