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Friday, 22 November, 2024
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पूरी दुनिया में 37,500 से ज्यादा लोग कोरोनावायरस की चपेट में, वैज्ञानकि टीका विकसित करने में जुटे

कई लाख डॉलर के महत्वाकांक्षी अभियान के तहत अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के वैज्ञानिक नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर टीका विकसित करने में जुटे.

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बीजिंग: चीन से शुरू हुए कोरोनावायरस के प्रकोप ने दुनियाभर में 37,500 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लिया है. वहीं महामारी का रूप ले चुके इस वायरस से निपटने के लिए वैज्ञानिक अब टीका विकसित करने में लग गए हैं.

दिल्ली में आईटीबीपी छावला कैंप में 406 लोगों का सैंपल लिया गया और उन्हें लैब टेस्ट के लिए भेजा गया. सभी नमूने पहले ही नकारात्मक पाए गए थे. आज कोई ताजा लक्षण नजर नहीं आया.

चाइना से आने वाली उड़ानों को भारत में प्रवेश से रोका गया.

अधिकारियों की ओर से रविवार को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक चीन में वायरस के चलते 811 मौतें हुईं हैं और 37,198 मामलों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके अलावा हांगकांग में एक व्यक्ति की मौत समेत 25 मामले सामने आए हैं.

मकाओ में 10 मामलों की जानकारी मिली है. सबसे ज्यादा मौतें मध्य हुबेई प्रांत में हुई हैं जहां इस प्रकार के कोरोना वायरस से हो रही बीमारी का पिछले साल दिसंबर में सबसे पहले पता चला था.

इसके अलावा इस वायरस से दुनियाभर के देशों में सामने आये मामलों की संख्या इस प्रकार है:

जापान:96, सिंगापुर: 40, थाईलैंड: 32, दक्षिण कोरिया: 25, ताइवान: 16, मलेशिया: 16, ऑस्ट्रेलिया: 14, जर्मनी: 14, वियतनाम: 14, अमेरिका: 12, एक व्यक्ति की चीन में मौत, फ्रांस: 11, संयुक्त अरब अमीरात: 7, कनाडा: 6, फिलीपीन: 3 मामले, एक व्यक्ति की मौत, ब्रिटेन: 3, भारत: 3, रूस: 2, इटली: 3, ब्रेल्जियम: 1, नेपाल: 1, श्रीलंका: 1, स्वीडन: 1, स्पेन: 1, कम्बोडिया: 1, फिनलैंड: 1

टीका जल्द से जल्द विकसित करने की कोशिश में जुटे वैज्ञानिक

चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने के लिए जल्द से जल्द इसका टीका विकसित करने के लिए चलाए जा रहे कई लाख डॉलर के महत्वाकांक्षी अभियान के तहत अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के वैज्ञानिक नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

यह नया वायरस पिछले साल चीन में सामने आने के बाद से बहुत तेजी से फैला है जिसने मुख्य भूभाग में 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 37,000 से अधिक को संक्रमित किया है. कोरोना वायरस के मामले कई अन्य देशों में भी सामने आए हैं.

किसी भी टीके को तैयार करने में अमूमन वर्षों लग जाते हैं और यह जानवरों पर परीक्षण, मनुष्यों पर क्लिनिकल परीक्षण तथा नियामक स्वीकृतियां प्राप्त करने की एक लंबी प्रक्रिया है लेकिन विश्वभर में विशेषज्ञों की कई टीमें कोरोना वायरस के लिए जल्द से जल्द टीका विकसित करने की कोशिश में जुटी हैं. इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के गठबंधन का समर्थन प्राप्त है और ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे छह महीने के भीतर अपना टीका तैयार कर लेंगे.

ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता ने कहा, ‘यह अत्यंत दबाव वाली स्थिति है और हमारे ऊपर बहुत जिम्मेदारी है.’

उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर ‘कुछ तसल्ली’ मिली है कि विश्व की कई टीमें इसी काम में लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि इनमें से कोई एक सफल होगा और इस प्रकोप को रोक पाने में मदद मिलेगी.’

वायरस के प्रसार को देखते हुए छह महीने की समय सीमा भी बहुत ज्यादा लग रही है. माना जा रहा है कि यह विषाणु जंगली जानवर बेचने वाले एक बाजार से फैलना शुरू हुआ है जो चीन में प्रतिदिन करीब 100 लोगों की जान ले रहा है.

बांग्लादेश ने चीन में फंसे अपने 171 नागरिकों को वापस लाने की योजना रद्द की

कोरोना वायरस प्रभावित चीन जाने के लिए किसी विमान का प्रबंध करने में नाकाम रहने के बाद बांग्लादेश ने वहां फंसे अपने 171 नागरिकों को वापस लाने की योजना रद्द कर दी है.

दरअसल बांग्लादेशी विमान के चालक दल के सदस्यों ने चीन जाने से इनकार कर दिया है जिसके कारण बांग्लादेश को यह फैसला करना पड़ा.

सरकारी ‘बिमान एयरलाइंस’ का बोइंग 777-300 ईआर विमान एक फरवरी को 12 बच्चों और तीन नवजात शिशुओं समेत 312 बांग्लादेशी नागरिकों को चीन से लाया था. चीन में इस विषाणु के कारण 811 लोगों की मौत हो चुकी है और 37,000 अन्य लोग इससे संक्रमित हैं.

‘बीडीन्यूज24डॉटकॉम’ ने बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन के हवाले से बताया, ‘हम कोई विमान नहीं भेज सकते. चालक दल का कोई सदस्य भी वहां जाने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए, हमने उन्हें (फंसे हुए बांग्लादेशी नागरिकों को) इंतजार करने को कहा है.’

(न्यूज एजेंसी भाष के इनपुट्स के साथा)

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