नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जापान के अपने समकक्ष शिंजो आबे से टेलीफोन पर बात की और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए उनका आभार व्यक्त किया.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी ने आबे को जापान की नई सरकार के साथ निकटता से काम करने के अपने इरादे से अवगत कराया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.
इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच की साझेदारी को जो मजबूत गति मिली है, वह भविष्य में भी निर्बाध जारी रहेगी.
उल्लेखनीय है कि जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहने वाले आबे ने पिछले महीने स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया था.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री आबे की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए उनका आभार व्यक्त किया.’
दोनों नेताओं ने भारतीय सशस्त्र बलों और जापान के आत्म रक्षा बलों के बीच ‘आपूर्ति और सेवाओं के आदान-प्रदान संबंधी समझौते’ पर हुए हस्ताक्षर का स्वागत किया.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘उन्होंने सहमति जताई कि यह समझौता दोनों देशों के रक्षा सहयोग को और गहराई देगा तथा हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा में योगदान करेगा.’
मोदी ने इसके बाद ट्वीट कर कहा, ‘अपने मित्र शिंजो आबे को फोन कर उनकी अच्छी सेहत और उनके खुश रहने की कामना की. उनके साथ अपने गहरे संबंधों को मैं संजो के रखूंगा. उनका नेतृत्व और उनकी प्रतिबद्धता भारत और जापान रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने में अहम रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले सालों में भी यह गति जारी रहेगी.’
वर्षों की बातचीत के बाद भारत और जापान ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच आपूर्ति एवं सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए है.
आपसी विश्वास और मित्रता की फिर से पुष्टि करते हुए मोदी और आबे ने एक दूसरे के देशों के दौरे के दोरान साझा किए गए अनुभवों को को याद किया.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेताओं ने भारत-जापान विशेष सामरिक औ वैश्विक सहयोग से बन रहे मुंबई-अहमदाबाद स्पीड रेल परियोजना की भी समीक्षा की.
दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी से कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अहम भूमिका निभाएंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने कोविड महामारी के दौरान एक दूसरे के देशों में रहने वाले नागरिकों को मदद पहुंचाए जाने की तारीफ भी की और सहमति जताई कि भविष्य में दोनों देशों के बीच इस प्रकार के प्रयास जारी रहेंगे.