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Sunday, 31 August, 2025
होमविदेशशी से मिले मोदी, पुतिन के साथ बैठक करेंगे, लेकिन रूस-भारत-चीन समूह की बैठक एजेंडे में नहीं है

शी से मिले मोदी, पुतिन के साथ बैठक करेंगे, लेकिन रूस-भारत-चीन समूह की बैठक एजेंडे में नहीं है

प्रधानमंत्री मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए चीन में हैं, जहां वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक करेंगे और सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तियानजिन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय बैठक में हैं, जिसमें दोनों नेता भारत-चीन संबंधों में आई नरमी की समीक्षा करने और न केवल सीमा पर बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी संबंधों को सामान्य करने का रास्ता बनाने की उम्मीद है.

मोदी सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे, जो दिसंबर में भारत आएंगे, और द्विपक्षीय संबंधों का आकलन करेंगे. पीएम के रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाने और पुतिन व यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के बीच युद्धविराम और वार्ता की जरूरत पर जोर देने की उम्मीद है.

हालांकि, सात साल बाद चीन की अपनी पहली यात्रा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) क्षेत्रीय सुरक्षा समूह के शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे मोदी की इन दोनों नेताओं से अलग-अलग मुलाकात होगी, लेकिन जानकार सूत्रों ने कहा कि रूस-भारत-चीन समूह (आरआईसी) की कोई बैठक नहीं होगी.

सूत्रों ने कहा कि अभी आरआईसी बैठक के लिए समय जल्दबाजी होगा और फिलहाल ध्यान द्विपक्षीय संबंधों और एससीओ व ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और पाँच अन्य देश) जैसे क्षेत्रीय समूहों पर है.

आरआईसी प्रारूप के तहत काम पहले कोविड-19 महामारी और बाद में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन सैन्य गतिरोध के कारण रुक गया था.

आरआईसी ढांचे के तहत तीनों देशों के विदेश मंत्री समय-समय पर द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए मिलते थे.

पीएम की शी और पुतिन से लगातार मुलाकातें और भारत-चीन संबंधों में सुधार ऐसे समय हो रहे हैं जब अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ संबंधों में तनाव है, जिन्होंने रूसी तेल की लगातार खरीद के लिए भारत पर “सज़ा” के तौर पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है. भारतीय वस्तुओं पर कुल शुल्क अब 50 प्रतिशत हो गया है.

सूत्रों ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि वह अपनी स्वतंत्र विदेश नीति अपने और साझा हितों के आधार पर जारी रखे, और उसकी कोई भी पहल किसी के खिलाफ कदम के रूप में न देखी जाए.

ट्रंप ने ब्रिक्स की आलोचना करते हुए इसे “अमेरिका-विरोधी” समूह बताया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कुछ सदस्यों के बीच डी-डॉलराइजेशन पर हुई चर्चाओं को इस समूह के “अमेरिका विरोधी” रुख का सबूत बताया है. हालांकि, भारत ने कहा है कि डी-डॉलराइजेशन ब्रिक्स के एजेंडे में शामिल नहीं है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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