न्यूयॉर्क: विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत मित्रता, सद्भावना और सहयोग पर यकीन करता है. उन्होंने इस बार पर जोर दिया कि देश जन-कल्याण के लिए काम करने और बाधा न पहुंचाने में यकीन रखता है.
आधिकारिक यात्रा पर यहां आयीं लेखी ने बुधवार को न्यूयॉर्क में भारत के वाणिज्य दूतावास द्वारा अयोजित समारोह में भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय और प्रवासी जनसमूह के सदस्यों को संबोधित किया.
लेखी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय प्रवासी जनसमूह के सदस्य नवोन्मेषक, इंजीनियर हैं और उन्होंने ‘आपके देश के कल्याण में योगदान’ किया है.
उन्होंने कहा, ‘यह भारत की सकारात्मकता है जो भारतीयों को एक साथ लाती है. असल बात यह है कि जिस समाज में हम रहते हैं उसमें हम खुद को आत्मसात कर लेते हैं. हम मानवजाति की भलाई के लिए काम करने और बाधा न पहुंचाने में यकीन करते हैं. भारत शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए काम करता है, भारत मानवजाति की प्रगति के लिए काम करता है, भारत वसुदैव कुटुम्बकम के लिए खड़ा है.’
उन्होंने कहा, ‘भारत के नयी-नयी खोज करने के साथ वह दुनिया और अपनी मदद करने की कोशिश कर रहा है और ‘आत्मनिर्भरता’ और आत्म-जीविका इसी के बारे में है.’
लेखी ने भारतीय प्रवासी समुदाय के प्रयासों के लिए आभार जताया जिसे उन्होंने ‘भारत के राजदूत’’ बताया, जिन्होंने अपनी उपलब्धियों और योगदान से ‘‘भारत माता का नाम रोशन किया है.’
भारत के आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने पर लेखी ने लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश के नाम दिए संबोधन का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को अगले 25 वर्षों के लिए नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है और ‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जब हम भारत की आजादी के 100 वर्षों का जश्न मनाएं तो आत्मनिर्भर भारत के अपने लक्ष्यों को पूरा करें.’
विदेश राज्यमंत्री ने कहा, ‘भारत का 75 साल पहले जन्म नहीं हुआ था…हमारा देश प्राचीन है, हमारी प्राचीन विरासत है.’
उन्होंने सभी वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों का भी आभार जताया जो कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं आपका कैसे शुक्रिया अदा करूं. जब दुनिया महामारी से जूझ रही थी तो दुनियाभर में पूरा समुदाय एकजुट खड़ा था.’
उन्होंने कहा कि ‘वैक्सीन मैत्री’ से लेकर अन्य देशों से भारतीयों को स्वदेश लाने और टीकों के निर्माण तक ‘हमने दुनिया को दिखाया कि भारत किसके लिए खड़ा है.’
लेखी ने कहा, ‘जब हम कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में आए तो दुनिया भर में आपके जैसे लोगों ने हमारी मदद की. हम मित्रता के लिए खड़े हैं, हम सद्भावना और सहयोग के लिए खड़े हैं.’
कोविड-19 से लोगों की मौत पर शोक जताते हुए उन्होंने कहा कि टीका ही वह मंत्र है जिससे लोगों को बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘भारत बहुत अच्छा कर रहा है क्योंकि हम अपने लिए टीके बना सके और दुनिया के लिए भी इसका उत्पादन कर सके. दुर्भाग्यपूर्ण रूप से भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने पर यह सुनिश्चित करना पड़ा कि पहले देश के नागरिकों को टीके मिले.’
लेखी ने कहा कि चाहे समुद्री सुरक्षा हो, आतंकवाद या सतत विकास लक्ष्यों पर स्थिति हो, भारत इन मुद्दों पर काम करता रहेगा. उन्होंने कहा कि भारत ने हाल में राष्ट्रीय ढांचागत पाइपलाइन और राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना की घोषणा की और ऑटोमोबाइल, रसायन, औषधि, चिकित्सा उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, नवीनीकरण ऊर्जा, दूरसंचार, कपड़ा जैसे अहम क्षेत्रों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए योजना शुरू की.
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने प्रवासी समूह के सदस्यों से भारत में वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए इन सभी योजनाओं में हमारा साझेदार बनने का अनुरोध करती हूं. ऐसा करके वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे सकेंगे और साथ ही महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद कर सकेंगे.’