वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है. संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बुधवार रात को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया का प्रस्ताव बहुमत से पास हो गया है.
प्रतिनिधि सभा ने ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया के दो आर्टिकल्स पारित किए हैं.
महाभियोग, सत्ता के दुरुपयोग का पहला आर्टिकल 197 के मुकाबले 230 वोटों से पास हुआ है, जो कि पार्टी लाइन के खिलाफ था. दूसरे आर्टिकल में 198 के मुकाबले 229 वोट पड़े.
Majority in US House has voted to impeach President Donald Trump for abuse of power: AP https://t.co/xcj4XK7yhA
— ANI (@ANI) December 19, 2019
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति को विश्वास है कि सीनेट नियमित आदेश, निष्पक्षता और उचित प्रक्रिया को बहाल करेगा, जिसकी सभी ने सदन की कार्यवाही में अनदेखी की है. वह अगले चरणों की कार्यवाही के लिए तैयार हैं और विश्वास है कि इससे पूरी तरह बच जाएंगे.
White House: US President Donald Trump is confident the Senate will restore regular order, fairness, and due process, all of which were ignored in the House proceedings. He is prepared for the next steps and confident that he will be fully exonerated. pic.twitter.com/DMFI5bu6G2
— ANI (@ANI) December 19, 2019
व्हाइट हाउस से जारी एक बयान के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी लोगों की जरूरतों और प्राथमिकताओं के लिए अथक परिश्रम करते रहेंगे, क्योंकि जिस दिन से उन्होंने पदभार संभाला है, वह उन्हीं के लिए काम कर रहे हैं.
प्रस्ताव पर ट्रंप ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है, ‘अमेरिकी लोकतंत्र के लिए यह खुलेआम युद्ध की घोषणा है.’ उन्होंने स्पीकर नैंसी पेलोसी से मांग की है कि वह तुरंत इस प्रस्ताव को रोकें.
गौरतलब है कि ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग कर यूक्रेन के 2020 के आम चुनावों में उनके संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन पर बदनाम करने का दबाव बनाया.
ट्विटर पर यह मुद्दा छाया हुआ है. इसके कई ट्रेंड्स दिख रहे हैं.
ट्रंप ने कहा था पछताएंगे डेमोक्रेट्स
इससे पहले ट्रंप ने छह पन्नों के अपने संदेश में लिखा कि जब मतदाता अगले साल मतदान करेंगे तब डेमोक्रेटों को अपनी कोशिशों पर पछतावा होगा. उन्होंने स्पीकर नैन्सी पेलोसी पर निशाना साधा था और डेमोक्रेट सांसदों पर अभूतपूर्व तथा असंवैधानिक तरीके से शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए खुद को ‘सत्ता परिवर्तन के अवैध, पक्षपातपूर्ण प्रयासों’ का शिकार बताया था.