नई दिल्ली: रूसी सेना ने दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के अहम शहर मारियुपोल में काफी बढ़त बना ली है, मगर मिल रही ख़बरों के अनुसार यूक्रेनी सैनिक अभी भी अज़ोवस्टल स्टील प्लांट की रक्षा करना जारी रखे हुए हैं – जो इस `बंदरगाह वाले शहर में अभी भी उनके नियंत्रण में बचे अंतिम गढ़ों में से एक है- और उन्होंने अंतिम सांस तक ‘लड़ने’ की कसम खाई है.
बुधवार को मास्को ने मारियुपोल में लड़ रहे यूक्रेनी लड़ाकों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक नयी अंतिम चेतावनी (अल्टीमेटम) दी, क्योंकि उन्होंने उसकी पिछली समय सीमा को खारिज कर दिया था.
ब्रिटिश संवाद एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा गया है, ‘रूस के सशस्त्र बल, विशुद्ध रूप से मानवीय सिद्धांतों पर आधारित, फिर से यह प्रस्ताव करते हैं कि नेशनलिस्ट बटालियन और इसके साथ के विदेशी भाड़े के लड़ाके 20 अप्रैल को मास्को समय के अनुसार 1400 ऑवर (भारतीय समय के अनुसार शाम 4.30 बजे तक) तक अपने सैन्य अभियानों को बंद कर दें और हथियार डाल दें.‘
इससे पहले, रूस ने यूक्रेनी सैनिकों को मॉस्को के समय के अनुसार सुबह 6 बजे (भारतीय समय- सुबह के 8.30 बजे) तक हथियार डालने और 19 अप्रैल को दोपहर 1 बजे (भारतीय समय- शाम के 3.30 बजे) तक जगह को खाली करने की समय सीमा दी थी.
हालांकि, ‘द गार्जियन’ की एक खबर के अनुसार, यूक्रेन के सैनिकों ने मास्को के इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए ‘अंतिम दम तक लड़ने’ का वादा किया है.
यदि मारियुपोल का पतन होता है, तो यह बंदरगाह वाला शहर अपने रणनीतिक स्थान के कारण मास्को के लिए एक अहम फायदा साबित होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि मारियुपोल, आज़ोव सागर में यूक्रेन का सबसे बड़ा व्यापारिक बंदरगाह है, और इस पर नियंत्रण होने से रूस को डोनबास में स्थित क्षेत्र को क्रीमिया प्रायद्वीप से जोड़ने में मदद मिल सकती है, जिसे उसने 2014 में अपने देश में मिला लिया था.
मारियुपोल यूक्रेन के उन कुछ शहरों में से एक है, जहां 24 फरवरी को रूस द्वारा अपना सैन्य आक्रमण शुरू करने के बाद से ही भारी लड़ाई देखी गई है.
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‘अंतिम कुछ घंटे न सही पर शायद आखिरी दिनों का सामना कर रहे हैं हम’
मंगलवार देर रात फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, एक यूक्रेनी समुद्री कमांडर, जो रूसी सेना से घिरे इस शहर मारियुपोल में अंतिम रक्षात्मक मोर्चे का हिस्सा है, ने सैनिकों के बुरे हालात को साझा किया, और कहा कि यह मदद के लिए उनकी ‘अंतिम अपील’ हो सकती है.
36वीं सेपरेट मरीन ब्रिगेड के कमांडर मेजर सेरही वोलिना ने कहा, ‘यह पूरी दुनिया के लिए हमारी अपील है. यह हमारे जीवन की आखिरी अपील भी हो सकती है. हम अपने आखिरी घंटे न सही पर शायद आखिरी दिनों का सामना कर रहे हैं. दुश्मन के पास हमसे 10 गुना संख्या है. उन्हें हवा में, तोपखाने में, जमीन पर अपनी सेना की संख्या में, उपकरणों में और टैंकों में हर जगह बढ़त मिली हुई है.’
उन्होंने अज़ोवस्टल स्टील प्लांट में फंसे सैनिकों और नागरिकों को वहां से निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की. बता दें कि लगभग 1,000 यूक्रेनी नागरिक कथित तौर पर अभी भी इस इस्पात संयंत्र के भूमिगत आश्रय स्थलों में छिपे हुए हैं.
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि अगर मारियुपोल में शेष बचे यूक्रेनी सैनिक मार दिए जाते हैं तो शांति वार्ता रद्द कर दी जाएगी.
पिछले हफ्ते एक वीडियो संबोधन में, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा था : ‘मारियुपोल में स्थिति जिस हद तक संभव हो सकती है उतनी गंभीर बनी हुई है. यह बस अमानवीय सा है .. रूस जानबूझकर वहां मौजूद सभी लोगों के खात्मे की कोशिश कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘(मारियुपोल में) हमारे सैनिकों, हमारे लोगों को खत्म करने पर किसी भी तरह की बातचीत खत्म हो जाएगी.’
इस बीच सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि आने वाले दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन यूक्रेनी सैन्य बलों के लिए पिछले सप्ताह भेजे गए $ 800 मिलियन के पैकेज के समान ही एक नए सैन्य सहायता वाले पैकेज की घोषणा कर सकते हैं.
इस बीच कनाडा और ब्रिटेन ने भी कहा है कि वे यूक्रेन को और हथियार भेजेंगे.
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