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Thursday, 25 April, 2024
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क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा- पुतिन भारत में G20 समिट में ले सकते हैं हिस्सा, पर अभी तक फैसला नहीं

पोस्कोव ने बताया कि 'रूस G20 प्रारूप में अपनी पूर्ण भागीदारी जारी रखता है, हम इसे जारी रखने का इरादा रखते हैं.'

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मॉस्को (रूस) : रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन भारत में होने वाले जी20 सम्मेलन हो सकता है कि इस साल के अंत में हिस्सा लें, लेकिन अभी तक फैसल नहीं लिया गया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने सोमवार को पत्रकारों को ये जानकारी दी.

क्रेमलिन के प्रवक्ता ने ये पूछे जाने पर कि क्या भारत में शिखर सम्मेलन में पुतिन के हिस्सा लेने पर विचार किया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि ‘इससे इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.’ पोस्कोव ने रूस की न्यूज एजेंसी तास की खबर की पुष्टि की. जी20 समिट भारत में सितंबर में होनी है.

पोस्कोव ने बताया कि ‘रूस G20 प्रारूप में अपनी पूर्ण भागीदारी जारी रखता है, हम इसे जारी रखने का इरादा रखते हैं.’

पेस्कोव ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि (जी7) ग्रुप फॉर्मेट समग्र रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रतिबिंबित नहीं करता, यही कारण है कि मॉस्को जी20 और ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

जब उनसे पश्चिमी विश्लेषकों की रिपोर्ट पर टिप्पणी के लिए कहा गया है कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में ब्रिक्स देशों की हिस्सेदारी जी7 देशों से अधिक हो गई है, तो उन्होंन कहा, ‘इन विशेषज्ञों के निष्कर्षों के बावजूद, यह कहना ठीक रहेगा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में ब्रिक्स देशों का आर्थिक दबदबा लगातार बढ़ रहा है.’

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उन्होंने कहा कि रूस का मानना ​​है कि G7 प्रारूप ‘स्पष्ट रूप से’ दुनिया की आर्थिक जरूरतों को प्रतिबिंबित करने में विफल रहता है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था जी7 देशों तक सीमित नहीं है. ‘जी20 जैसी बड़े स्तर पर समूह, कहीं अधिक बारीकी से मामलों की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है.

G7 विकसित देशों का एकीकरण है, जिसमें यूके, जर्मनी, इटली, कनाडा, अमेरिका, फ्रांस और जापान शामिल हैं. यह मुख्य रूप से वैश्विक राजनीतिक और सामाजिक समस्याओं के समाधान तलाशने पर केंद्रित है.

7 सदस्यों वाला यह संगठन 1976-1997 से मौजूद है. रूस के संगठन में शामिल होने के बाद इसे G8 कहा गया. मार्च 2014 में यूक्रेन की घटना के बाद मास्को और पश्चिम के बीच संबंधों में आने वाले संकट के परिणामस्वरूप, संगठन ने फिर से जी7 प्रारूप में वापस लौटने का फैसला किया.

पिछले साल, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने G20 नेताओं के मंच पर रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. 2020 और 2021 में पुतिन ने वीडियो लिंक के जरिए जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और 2019 में वे जापान में होने वाली राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में आए.


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