scorecardresearch
Sunday, 5 May, 2024
होमविदेशKCF के चीफ़ और वॉन्टिड आतंकवादी परमजीत पंजवार की लाहौर में गोली मारकर हत्या की गई

KCF के चीफ़ और वॉन्टिड आतंकवादी परमजीत पंजवार की लाहौर में गोली मारकर हत्या की गई

पंजवार की उस समय हत्या कर दी गई जब वे जौहर टाउन में सनफ्लावर सोसाइटी में अपने आवास के पास सुबह 6 बजे टहल रहा था. उस समय मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात व्यक्तियों ने उसे गोली मार दी.

Text Size:

नई दिल्ली: दो अज्ञात शूटरों ने शनिवार सुबह पाकिस्तान के लाहौर के जौहर टाउन में वॉन्टिड आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार उर्फ ​​मलिक सरदार सिंह की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी.

खबरों के अनुसार, कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा के नेता कंवर पाल सिंह ने हमले में पंजवार की मौत की पुष्टि की है. कंवर पाल ने कहा, “हमारी जानकारी के मुताबिक, वह मॉर्निंग वॉक पर गए थे, जब दो बंदूकधारियों ने उन्हें गोली मार दी.”

जानकारी के अनुसार, उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार द्वारा मुहैया कराए गए पंजवार के बंदूकधारी ने शूटरों पर गोलियां चलाईं, जिनमें से एक की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया.

पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला 63 वर्षीय पंजवार प्रतिबंधित खालिस्तान कमांडो फोर्स-पंजवार समूह का नेतृत्व कर रहा था और नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी और अन्य आतंकी गतिविधियों में शामिल था. उसके खिलाफ साल 2020 में जुलाई में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

खबरों के मुताबिक, उसकी उस समय हत्या कर दी गई जब वे जौहर टाउन में सनफ्लावर सोसाइटी में अपने आवास के पास सुबह 6 बजे टहल रहा था. उस समय मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात व्यक्तियों ने उसे गोली मार दी. इससे पंजवार घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

पंजवार भारत के वॉन्टिड आतंकवादियों की लिस्ट में टॉप पर शामिल था. उसने सीमा पार से हथियारों की तस्करी और ड्रोन की तस्करी के माध्यम से वित्त हासिल करके केसीएफ को जीवित रखा था. केसीएफ फरवरी 1986 में अस्तित्व में आया था. इस संगठन की कार्यप्रणाली आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार खरीदने, फिरौती के लिए बैंक डकैती और अपहरण करना था.

1990 के दशक में पंजवार ने केसीएफ पर अधिकार अपना लिया और पाकिस्तान भाग गया था.


यह भी पढ़ें: ‘60 दिन, 40 लोग, 7,000 वर्ग मीटर’, फिर जाकर बना था ‘मेट गाला 2023’ में लगा मेड-इन-केरल ‘रेड कार्पेट’


 

share & View comments