(अदिति खन्ना)
लंदन, 21 फरवरी (भाषा) विचारक संस्था ‘जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र-यूके’ (जेकेएससी) ने ब्रिटेन के संसद भवन परिसर में ‘‘संकल्प दिवस’’ कार्यक्रम आयोजित किया।
भारत के केंद्र शासित प्रदेश संबंधी ऐतिहासिक प्रस्ताव को मनाने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में ब्रिटेन के दोनों दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया।
मंगलवार के कार्यक्रम में 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव को चिह्नित किया गया, जिसमें भारत के अडिग रुख की पुष्टि की गई कि जम्मू और कश्मीर का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है। इसने मीरपुर-मुजफ्फराबाद तथा गिलगित और बाल्टिस्तान को पुनः प्राप्त करने के भारत के अधिकार पर जोर दिया, जो पाकिस्तानी आक्रमण का शिकार हुए थे।
जेकेएससी-यूके ने एक बयान में कहा, ‘‘सभी सांसदों ने साझा अंतर्दृष्टि के लिए सराहना की और जम्मू-कश्मीर की जमीनी हकीकत को उजागर करने के लिए इस तरह के आयोजनों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया, एक ऐसा परिप्रेक्ष्य जो अक्सर मुख्यधारा के विमर्श में शुमार नहीं होता है। उन्होंने इस विषय पर जारी बातचीत के महत्व पर जोर दिया।’’
इस कार्यक्रम में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन और थेरेसा विलियर्स के अलावा लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रोफेसर सज्जाद राजा थे, जो वर्तमान में ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहे हैं। कश्मीरी कार्यकर्ता याना मीर ने भी संबोधित किया, जो वर्तमान में ‘भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क’ के साथ वरिष्ठ एंकर के रूप में कार्यरत हैं।
भाषा शफीक माधव
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