नई दिल्ली: इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने सोमवार को सरकार से न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की विवादित योजना को तत्काल रोकने का अनुरोध किया और चेतावनी दी कि इसने देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज को खतरे में डाल दिया है.
राष्ट्रपति ने यह अपील तब की है जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस योजना का विरोध करने के लिए अपने रक्षा मंत्री को बर्खास्त कर दिया जिसके विरोध में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे.
रक्षा मंत्री को निकालने वाले फैसले के बाद, हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने तेल अवीव राजमार्ग को ब्लॉक कर दिया, जबकि जेरूसलम में नेतन्याहू के आवास के सामने भीड़ के साथ पुलिस की झड़प हुई.
न्यायपालिका में बदलाव की सरकार की योजना का न केवल देश में विरोध किया गया बल्कि नेतन्याहू की इटली, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा के दौरान भी यहूदी प्रवासी समुदाय के हजारों लोगों ने इसका विरोध किया था.
गैलेन्ट ने शनिवार शाम को कहा था कि न्यायपालिका में बदलाव ‘‘देश की सुरक्षा को खतरा’’ है.
गैलेन्ट द्वारा टेलीविजन पर दिए भाषण से नाराज प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार शाम को एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 26 मार्च 2023 को रक्षा मंत्री योआव गैलेन्ट को बर्खास्त करने का फैसला किया है.’’
तेल अवीव में प्रदर्शनकारियों ने एक मुख्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और बड़े अलाव जलाए जबकि यरुशलम में नेतन्याहू के निजी आवास के बाहर एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़प हुई.
न्यायपालिका में बदलाव की सरकार की योजना का न केवल देश में विरोध किया गया बल्कि नेतन्याहू की इटली, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा के दौरान भी यहूदी प्रवासी समुदाय के हजारों लोगों ने इसका विरोध किया था.
इन प्रदर्शनों ने कारोबारी नेताओं, पूर्व सुरक्षा प्रमुखों तथा इजराइल के करीबी सहयोगी अमेरिका को भी चिंतित कर दिया है.
इजराइल के सबसे बड़े श्रमिक संघ हिस्ताद्रुत के प्रमुख अर्नोन बार-डेविड ने सरकार की विवादित योजना की ‘‘उत्तेजना को रोकने’’ की कोशिश में सोमवार को ‘‘ऐतिहासिक’’ हड़ताल की घोषणा की.
इजराइल के ‘द टाइम्स’ अखबार ने बार-डेविड के हवाले से कहा, ‘‘हम इजराइल के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. हम देश का और ध्रुवीकरण होने नहीं दे सकते.’’
बार-डेविड ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नेतन्याहू न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव को रोकने की घोषणा नहीं करते तो सोमवार से ही हड़ताल शुरू होगी.
तेल अवीव में इजराइल के मुख्य हवाई अड्डे बेन गुरियन एअरपोर्ट ने ‘‘ऐतिहासिक श्रम हड़ताल’ की घोषणा के कुछ देर बाद ही वहां से विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया.
हाई और मिडिल स्कूल छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रही ‘नेशनल स्टूडेंट एंड यूथ काउंसिल’ ने सोमवार सुबह से देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की.
हिब्रू मीडिया में अपुष्ट खबरें हैं कि नेतन्याहू आज कोई घोषणा कर सकते हैं. उन्होंने रातभर राजनीतिक सहयोगियों से बैठकें कीं. इसकी अभी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है.
प्रदर्शन तेज होने पर सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के कुछ नेताओं ने समझौता करने की इच्छा जतायी है.
नेतन्याहू के विश्वासपात्र एवं संस्कृति मंत्री मिकी जोहर ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव का प्रस्ताव रोकना चाहते हैं तो पार्टी उनका समर्थन करेगी.
जल्द से जल्द समझौता की जरूरत
व्हाइट हाउस ने सोमवार को जारी एक बयान में रक्षा मंत्री को बर्खास्त करने और प्रदर्शन को देखते हुए कहा कि इस मामले पर जल्द से जल्द समझौता करने की जरुरत है.
इन प्रदर्शनों ने कारोबारी नेताओं, पूर्व सुरक्षा प्रमुखों तथा इजराइल के करीबी सहयोगी अमेरिका को भी चिंतित कर दिया है.
व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम इस्राइल के विकास से बहुत चिंतित हैं और इस मामले में जल्द से जल्द समझौते की जरुरत है. जैसा कि राष्ट्रपति (जो बाइडन) ने हाल ही में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ चर्चा की, लोकतांत्रिक मूल्य हमेशा अमेरिका-इजरायल संबंधों की एक पहचान रही हैं और रहना चाहिए.’
बता दें कि नेतन्याहू की सरकार इस सप्ताह ऐसे विधेयक पर संसद में मतदान कराने की योजना बना रही है जिससे सरकार को न्यायिक नियुक्तियों पर फैसला लेने की शक्ति मिल जाएगी. इसमें ऐसे कानून पारित करने का भी प्रावधान है जिससे संसद को आम बहुमत के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को पलटने का भी अधिकार मिल जाएगा.
नेतन्याहू तथा उनके सहयोगियों का तर्क है कि इस योजना से न्यायिक तथा कार्यकारी शाखाओं के बीच संतुलन बनेगा. लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह कानून इजराइल की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संतुलन बिगाड़ देगा और सत्तारूढ़ गठबंधन के हाथ में शक्तियां सौंप देगा.
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