scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमविदेशइज़राइल में 'बेने इज़राइल' भारतीयों की ‘मलिदा’ रस्म को मान्यता, समुदाय ने बताया शानदार एहसास

इज़राइल में ‘बेने इज़राइल’ भारतीयों की ‘मलिदा’ रस्म को मान्यता, समुदाय ने बताया शानदार एहसास

‘बेने इज़राइल’ समुदाय ज्यादात्तर अपने पावन अवसरों पर ‘मलिदा’ रस्म अदा करता है, विशेषकर यहूदी त्यौहार ‘तू बिस्ववत’ के मौके पर, जिसे पेड़ों का नववर्ष भी कहा जाता है.

Text Size:

यरूशलम: महाराष्ट्र क्षेत्र से आने वाले ‘बेने इज़राइल’ समुदाय के सैकड़ों भारतीय यहूदी सोमवार शाम अपनी ‘मलिदा’ रस्म को मान्यता दिए जाने का जश्न मनान के लिए इकट्ठा हुए.

सरकार ने इसे ‘हिब्रू कैलेन्डर’ में जगह देते हुए इस दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा की है.

‘मलिदा’ को मान्यता मिलने का जश्न ‘बेने इज़राइल’ समुदाय के लोगों ने भारत, अमेरिका और इज़राइल सहित विश्व में 70 जगहों पर मनाया.

‘बेने इज़राइल’ समुदाय ज्यादात्तर अपने पावन अवसरों पर ‘मलिदा’ रस्म अदा करता है, विशेषकर यहूदी त्यौहार ‘तू बिस्ववत’ के मौके पर, जिसे पेड़ों का नववर्ष भी कहा जाता है.

समुदाय के एक युवा सदस्य एलिआज डेंडेकर ने कहा, ‘यह एक बड़ी उपलब्धि और पहचान मिलने का एक शानदार एहसास है. समुदाय ने इज़राइल में अन्य यहूदी समुदायों के साथ मेलजोल बढ़ाने की कोशिश में कई मुश्किलों का सामना किया है. लेकिन यह पल सबकुछ भूल बस जश्न मनाने का है.’

एलिआज ने समुदाय के संघर्ष और उसकी परम्पराओं पर कई किताबें भी लिखी हैं.

परंपराओं के अनुसार, समुदाय के पूर्वज भारत में 175 बीसीई में आए थे. ऐसा कहा जाता है कि समुदाय के लोगों का जहाज भारतीय तट पर डूब गया था लेकिन इसमें सात पुरुष और कई महिलाएं बच गई थीं.

ऐसा कहा जाता है कि उनकी जान बचने के बाद, पैगम्बर एलिजाह उनके सामने आए और वादा किया कि उनकी आने वाली पीढ़ियां एक बार फिर से लैंड ऑफ इजराइल में बसेंगी और तब तक वे भारतीय उपमहाद्वीप में रहेंगे.

इसी घटना की याद में बेने इजराइल समुदाय हर तू बिश्वात पर मलिदा रस्म मनाता है.

share & View comments