कोलंबो: आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) ने मंगलवार को ईस्टर रविवार के दिन श्रीलंका में सिलसिलेवार बम विस्फोट करने की जिम्मेदारी ली है. हमले में अबतक 321 लोग मारे जा चुके हैं. समाचार एजेंसी अमाक की ओर से जारी बयान के अनुसार, आतंकवादी समूह ने इसे ‘इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों’ का कार्य बताया है.
गार्जियन की रपट के अनुसार, समूह ने अपने दावे की पुष्टि के लिए कोई भी सबूत मुहैया नहीं करवाए हैं. पुलिस प्रवक्ता रुवान गुणसेकरा ने कहा कि श्रीलंका के तीन शहरों में तीन गिरजाघरों एवं आलीशान होटलों में किए गए आठ आत्मघाती बम विस्फोटों में 30 विदेशी नागरिकों सहित कम से कम 500 लोग घायल हो गए हैं.
गुणसेकरा ने कहा कि इस मामले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सरकार ने स्थानीय इस्लामिक संगठन नेशनल तौहीद जमात को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है. अब तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
श्रीलंका में मंगलवार को सामूहिक अंतिम संस्कार किया जा रहा है और राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. इस बीच कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने 10 भारतीयों के मारे जाने की पुष्टि की है. उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम खेद के साथ पुष्टि करते हैं कि श्रीलंका बम विस्फोटों में दो और भारतीयों ए. मारेगौड़ा और एच. पुट्टाराजू की मौत हो गई है. इस तरह अब तक 10 भारतीयों की मौत हो चुकी है.’
हमले में 32 विदेशी नागरिकों की मौत हुई है, जिसमें 10 भारतीय शामिल हैं. इनमें से पांच जनता दल (सेक्युलर) के कार्यकर्ता हैं, जो बेंगलुरू में चुनाव संपन्न होने के बाद छुट्टी मनाने श्रीलंका गए थे. इनकी पहचान शिवन्ना, के.जी. हनुमनथाराया, एम. रंगप्पा, के.एम. लक्ष्मीनारायण और लक्ष्मणा गौड़ा रमेश के रूप में हुई है. इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रमेश, लक्ष्मी और नारायण चंद्रशेखर की मौत की पुष्टि की थी.
श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष किशु गोम्स ने कहा कि हमले में 32 विदेशी नागरिक की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हैं. इस बीच कोलंबो में एक संदिग्ध पार्सल मिलने से लोगों में भय व्याप्त है. यह पार्सल कोल्लूपेटिया रेलवे स्टेशन के पास मिला.
इस बीच कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने अपने देश के यात्रियों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है और कहा कि आतंकवादी संगठन कुछ और विस्फोट की साजिश रच सकते हैं. उसने पर्यटक स्थलों, परिवहन केंद्रों, बाजारों, शापिंग मॉल, सरकारी कार्यालयों, होटल, क्लब, रेस्तरां, धार्मिक स्थलों, पार्क, खेल के स्थान एवं सांस्कृतिक एवं शैक्षिक केंद्रों एवं हवाईअड्डों की संभावित हमला स्थल के रूप में पहचान की है.
श्रीलंका में तमिल टाइगर्स एवं सरकार के बीच गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद रविवार को हुए आत्मघाती विस्फोट सबसे खतरनाक थे. गृहयुद्ध 1983 में शुरू हुआ था और 2009 में प्रभाकरन की मौत के साथ समाप्त हो गया था.
श्रीलंका में ईसाइयों की आबादी करीब सात फीसदी, बौद्धों की 70, हिंदू 12 और मुस्लिम आबादी करीब 10 फीसदी है.
(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)