पेशावर, 22 जनवरी (भाषा) अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएस-के.) ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की तुलना में पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की शांति और अखंडता के लिए कहीं अधिक बड़ा खतरा पैदा किया है। प्रांतीय पुलिस प्रमुश ने शनिवार को यह कहा।
पिछले साल अगस्त में काबुल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान के कई शहरों में हमले तेज करने वाले आईएस-के. ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों पर आतंकवादी हमलों को भी अंजाम दिया था।
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा, ‘‘हाल के दिनों में आईएस-के. ने इस प्रांत की शांति और सुरक्षा को टीटीपी की तुलना में अधिक खतरा पैदा किया है।’’
पिछले साल अक्टूबर में, आईएस-के. ने प्रांतीय राजधानी में सरदार सतनाम सिंह (खालसा) नामक एक प्रसिद्ध सिख हकीम की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी। वह यहां यूनानी चिकित्सा पद्धति से लोगों का इलाज किया करते थे।
अक्टूबर और नवंबर के महीनों में प्रांत के विभिन्न हिस्सों में कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी।
भाषा
सुरेश सुभाष
सुभाष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.