तेहरान: बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की जगह लेने वाले नए जनरल इस्माइल घानी ने रविवार को अमेरिका से बदला लेने का संकल्प लिया है.
ईरान ने सुलेमान की हत्या के जवाब में 2015 के परमाणु समझौते के बाकि हिस्से को रद्द करने का फैसला किया है. उधर इराक की संसद ने रविवार को देश से अमेरिकी सेना को बाहर करने के पक्ष में मतदान किया.
इन तीन घटनाक्रमों के बाद ईरान परमाणु बम बनाने के करीब जा सकता है, अमेरिका के खिलाफ तेहरान के प्रॉक्सी या सैन्य हमले भी देखने को मिल सकते हैं, जिसके बाद इस्लामिक स्टेट समूह के इराक में वापसी की आशंका बढ़ सकती है, जिससे पश्चिम एशिया की स्थिति और अधिक खतरनाक हो सकती है.
तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इराक की संसद में अपने सैनिकों को वहां से निकाले जाने के पक्ष हुए मतदान को लेकर इराक से अरबों डॉलर के मुआवजे की मांग की.
ट्रम्प ने कहा, ‘यदि वे हमें जाने को कहते हैं, यदि यह मित्रवत रूप से नहीं किया जाता है, तो हम उन पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाएंगे. इन प्रतिबंधों से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध भी छोटे लगने लगेंगे. इराक में अमेरिका का सैन्य अड्डा ‘बेहद महंगा है. यदि वे हमें इसके लिए भुगतान नहीं करते तो हम वापस नहीं जाएंगे.’
घानी ने सोमवार को प्रसारित ईरान के सरकारी टेलीविजन को दिए एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की.
घानी ने कहा, ‘निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी.’
गौरतलब है कि ईरान के साथ हुए बहुपक्षीय समझौते से अमेरिका के पीछे हटने और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाने के जवाब में ईरान ने परमाणु समझौते से पीछे हटने से संबंधित अपने पांचवें कदम को अंतिम रूप देने की घोषणा की थी.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा था, ‘पांचवें कदम के संबंध में फैसला पहले ही किया जा चुका है… लेकिन मौजूदा स्थिति पर विचार किया जा रहा है. आज रात (रविवार रात) होने वाली अहम बैठक में कुछ अहम बदलाव किए जाएंगे.’
दरअसल, ईरान ने शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में बगदाद में मेजर जनरल सुलेमानी (62) के मारे जाने के बाद बदला लेने का संकल्प लिया है. इस हमले में इराक के हशद अल शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख भी मारे गए हैं.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि उसने अपने शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए कोई जवाबी कार्रवाई की, तो उस पर अब तक का सबसे जोरदार हमला किया जाएगा.
जापान के प्रधानमंत्री आबे ने पश्चिम एशिया के तनाव पर चिंता प्रकट की
अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर चुके जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सोमवार को कहा कि वह पश्चिम एशिया के तनाव से ‘बहुत चिंतित’ हैं.
अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह की गयी ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद संघर्ष का खतरा बढ़ गया है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर ईरान इस हत्या का बदला लेने का अपना प्रण पूरा किया तो वह जवाब में ‘बड़ी कार्रवाई’ करेगा.
इराक में सुलेमानी की हत्या के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में आबे ने कहा, ‘पश्चिम एशिया का तनाव बढ़ रहा है. मैं वर्तमान स्थिति से बहुत चिंतित हूं.’
उन्होंने कहा, ‘स्थिति को और बिगड़ने से रोका जाना चाहिए और मैं संबंधित पक्षों से राजनयिक प्रयासों का आह्वान करता हूं.’
जापान और ईरान के बीच दशकों से राजनयिक संबंध रहा है. ईरान के साथ हुए परमाणु करार से हटन के ट्रंप के निर्णय से उत्पन्न तनाव के बीच पिछले साल जून में आबे ने सर्वोच्च ईरानी नेता आयतुल्ला अली खामेनीइ और ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से बातचीत के लिए ईरान गये थे.
आबे की कोशिश के बाद भी खामेनीइ ने ट्रंप से बातचीत करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था.