(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 21 जून (भाषा) संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यहां आयोजित विशेष ध्यान सत्र में कहा कि ऐसे समय में जब तनाव और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ रही हैं, योग अधिक शांतिपूर्ण तरीके से जीवन जीने का मार्ग प्रदान करता है।
प्रख्यात चिकित्सक, लेखक और स्वास्थ्य गुरु दीपक चोपड़ा ने शुक्रवार शाम को योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित सत्र का नेतृत्व किया।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी लॉन में रंग-बिरंगी चटाइयां बिछाई गई थीं, जहां 1,200 से अधिक लोगों ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस वर्ष योग दिवस का विषय – ‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ है जो 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ पर आधारित है।
उन्होंने कहा, “यह थीम इस महत्वपूर्ण सत्य को रेखांकित करती है कि हमारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पृथ्वी का स्वास्थ्य एक दूसरे जुड़े हुए हैं, जिन्हें कभी अलग नहीं किया जा सकता। खुद की देखभाल करते हुए हम पृथ्वी की देखभाल भी करते हैं, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भारतीय लोकाचार को दर्शाता है, यानी पूरा विश्व एक परिवार है।”
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब तनाव और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ रही हैं, योग अधिक शांतिपूर्ण तरीके से जीवन जीने का मार्ग प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र ने योग की सार्वभौमिक अपील को मान्यता देते हुए दिसंबर 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसका 175 सदस्य देशों ने समर्थन किया था।
भाषा
जोहेब मनीषा
मनीषा
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