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Wednesday, 20 November, 2024
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सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा, अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ आना पड़ेगा

पिछले कई महीनों से अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए बातचीत चल रही थी. लेकिन काबुल में हुए हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह वार्ता रद्द कर दी है.

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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैय्यद अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र की अफगानिस्तान में चल रहे सहायता मिशन पर कहा कि क्षेत्र में संवैधानिक प्रक्रियाओं, राजनीतिक जनादेश और लोकतांत्रिक तरीके से ही शांति स्थापित की जा सकती है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगान सैनिकों की हरसंभव मदद करनी चाहिए और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के अपने वादे को निभाना चाहिए.

अकबरुद्दीन ने कहा, ‘यह क्षेत्र लंबे समय से आतंकवाद से ग्रसित है. इससे निपटने के लिए सभी देशों को योगदान देना चाहिए. अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना एक बार फिर उसपर निशाना साधा और आतंकवादियों को पनाह देने और बढ़ावा देने वाले देशों पर लगाम लगाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान की सीमा से परे भी आतंकवादी संगठनों को मदद मिल रही है. तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए- मोहम्मद का नाम लेते हुए कहा कि इन संगठनों से निपटना होगा.’

पिछले कई महीनों से अमेरिका और तालिबान के बीच क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए बातचीत चल रही थी. लेकिन काबुल में हुए हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह वार्ता रद्द कर दी थी. अमेरिका अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से निकालना चाहता है इसलिए वो तालिबान के साथ वार्ता करना चाहता था.

बता दें कि कुछ दिनों पहले तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोगों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति वार्ता रद्द कर दी थी. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी थी. उन्होंने ट्वीट किया था, ‘काबुल में एक हमला जिसमें हमारे महान सैनिकों और 11 अन्य लोग मारे गये. मैंने तुरंत बैठक रद्द कर दी और शांति वार्ता बंद कर दी. किस तरह के लोग हैं जो अपनी सौदेबाजी की स्थिति को मजबूत करने के लिए इतने सारे लोगों को मार देंगे?’

तालिबान द्वारा गुरुवार को काबुल में किए गए आत्मघाती हमले में एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोगों के मारे जाने के बाद वार्ता रद्द की गई.

(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

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