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Monday, 30 September, 2024
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पाकिस्तान की दुखती रग महंगाई है कश्मीर नहीं, जैसा की दावा किया जाता है

गैलप के सर्वे के अनुसार पाकिस्तान के 53 प्रतिशत लोग महंगाई को अपनी सबसे बड़ी समस्या बता रहे हैं. जिसके बाद बेरोज़गारी उनकी समस्या है.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के लोगों को महंगाई की मार सबसे गहरी चोट दे रही है. गैलप ने एक सर्वे किया है जिसमें ये बात सामने आई है. देश के 53 प्रतिशत लोग महंगाई को अपनी सबसे बड़ी समस्या बता रहे हैं. इसके बाद बेरोज़गारी उनकी समस्या बनी हुई है. हालांकि वहां की मीडिया और खबरों को देखें तो कश्मीर उनके लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है.

गिलानी रिसर्च फाउंडेशन सर्वे और गैलप ने पाकिस्तान के लोगों से बात कर रिपोर्ट तैयार की है जिसमें लोगों से विभिन्न मुद्दों पर उनके मतों को जानने की कोशिश की गई है.

लोगों से पूछा गया कि आपके अनुसार देश के सामने सबसे बड़ी समस्या क्या है?

इस सर्वेक्षण में पाकिस्तान के चार प्रांतों के लोगों से कुछ और सवाल भी पूछे गए. सर्वेक्षण में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे. उनसे पूछा गया कि आप के अनुसार इन दिनों पाकिस्तान कौन सी सबसे बड़ी समस्या का सामना कर रहा है.

गैलप कई दशकों से इस तरह की रिपोर्ट तैयार करता आया है जिसमें पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या का खुलासा होता आया है.

पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति  पिछले कुछ सालों से काफी खराब है. ऐसे में गैलप द्वारा 2019 में कराए गए ओपिनियन पोल में 53 फीसदी लोगों ने माना है कि वर्तमान में देश के भीतर सबसे बड़ी समस्या महंगाई है.

 

सवाल के जवाब में 53 फीसदी लोगों ने महंगाई को कारण बताया, 23 फीसदी ने बेरोज़गारी, 8 फीसदी ने कश्मीर समस्या, 4 फीसदी ने भ्रष्टाचार, 4 फीसदी ने पानी की समस्या, 2 फीसदी ने राजनीतिक अस्थिरता, 1 फीसदी ने डेंगू वायरस, 1 फीसदी ने लोड शैडिंग (बिजली की समस्या) और 2 फीसदी ने अन्य कारणों को वर्तमान पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या बताया.

पाकिस्तान के लोगों के लिए कश्मीर ज्यादा बड़ी समस्या नहीं

बता दें कि पिछले कुछ सालों में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर संबंध काफी बिगड़े हुए हैं. लेकिन इस पोल से पता चलता है कि पाकिस्तान के सिर्फ 8 फीसदी लोग इसे देश की बड़ी समस्या मानते हैं.

76 फीसदी पाकिस्तानी लोग मानते हैं कि प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में दिया गया भाषण कश्मीर समस्या के समाधान में अहम योगदान दे सकता है.


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इस सर्वे में चार प्रांतों के 1200 महिलाओं और पुरूषों का सैंपल लिया गया था. ये सभी लोग शहरी और ग्रामीण दोनों जगहों से थे. सर्वेक्षण का समय 7 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर 2019 के बीच था.

सर्वेक्षण के दौरान जब लोगों से पूछा गया कि आप अपनी जिंदगी में कितने खुश हैं. इस पर हर 10 में से 7 लोगों ने (72 फीसदी) बताया कि वो अपनी जिंदगी में खुश हैं.

इस सवाल के जवाब में 27 फीसदी लोगों ने माना कि वो अपनी जिंदगी में बहुत खुश है. 45 फीसदी लोगों ने माना कि वो ठीक-ठीक खुश हैं और 17 फीसदी लोगों ने माना कि वो कहीं न कहीं दुखी हैं. 11 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने माना कि वो अपनी जिंदगी में काफी दुखी हैं.

आधा पाकिस्तान नाश्ते में रोटी खाता है

गैलप की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि लगभग आधा पाकिस्तान नाश्ते में रोटी खाता है. 44 फीसदी लोगों ने कहा कि वो ब्रेकफास्ट में रोटी खाते हैं. 6 फीसदी लोग डबल रोटी (ब्रेड), 6 फीसदी बिस्किट, 4 फीसदी रस्क और 1 फीसदी पूड़ी खाते हैं. 1 फीसदी लोगों ने माना कि वो इन सबके अलावा कुछ और ही नाश्ते में खाते हैं.

47 फीसदी पाकिस्तानी लोग मानते हैं कि बिरयानी उनका पसंदीदा खाना है. मतलब हर दो लोगों में से एक को बिरयानी पसंद है.

लगातार बदलते जलवायु परिवर्तन के बीच इस सवाल को भी गैलप ने अपने सर्वेक्षण में शामिल किया है. सर्वेक्षण में लोगों से पूछा गया कि आप जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) के बारे में कितना जानते हैं. लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो इसके बारे में वो जानते हैं. वहीं बड़ी तादाद में ऐसे भी लोग हैं जो इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते हैं.

सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि 46 फीसदी दावा करते हैं कि वो मौसमी परिवर्तन के बारे में जानते हैं. वहीं 48 फीसदी ऐसे लोग हैं जो इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं.

महंगाई, अर्थव्यवस्था, बरोज़गारी ही रही है पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या

गैलप की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या महंगाई ही थी. 52 फीसदी लोगों ने उस साल माना था कि देश के सामने बड़ी समस्या महंगाई है. 26 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को समस्या बताया था. तीसरे स्थान पर आतंकवाद को समस्या माना गया था.


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2012 की ही रिपोर्ट के अनुसार 58 फीसदी लोगों ने बिजली कटौती को सबसे बड़ी स्थानीय समस्या बताया था.

इसी साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दफ्तर की भी बिजली काटे जाने की संभावना बन गई थी.

गैलप की रिपोर्ट के अनुसार 2009 में पाकिस्तान के लोगों ने वित्तीय मुद्दों को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया था. 45 फीसदी लोगों ने इसे समस्या बताया था. इसके बाद बेरोजगारी और कानून व्यवस्था को समस्या माना गया था.

2002 में गरीबी देश की बड़ी समस्या थी.

1986 में भी 22 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया था.

इन सभी रिपोर्ट का विश्लेषण किया जाए तो दशकों से पाकिस्तान की समस्या बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, गरीबी, महंगाई, आतंकवाद के इर्द-गिर्द ही रही है.

गैलप सर्वेक्षण अमेरिकन एनालिटिक्स और एडवाइसरी कंपनी है जो वाशिंगटन में स्थित है. 1935 में जॉर्ज गैलप ने इसकी स्थापना की थी. गैलप 1980 से पाकिस्तान में काम कर रहा है. यह कंपनी वैश्विक स्तर पर ओपिनियन पोल करवाती है और विभिन्न मुद्दों पर लोगों के मतों को जानने की कोशिश करती है.

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