रियाद, 29 मई (भाषा) रियाद में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को नाइफ अरब यूनिवर्सिटी फॉर सिक्योरिटी साइंसेज और थिंक टैंक गल्फ रिसर्च सेंटर का दौरा किया और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमापार आतंकवाद के बारे में अपनी चिंताएं साझा कीं।
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल 27 से 29 मई तक सऊदी अरब की यात्रा पर है। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख तथा इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए भारत के निरंतर प्रयासों से अवगत कराएगा।
यहां भारतीय दूतावास द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा गया कि नाइफ अरब यूनिवर्सिटी फॉर सिक्योरिटी साइंसेज में भारतीय सांसदों ने ‘‘सीमापार आतंकवाद पर गहरी चिंता व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति दोहरायी।’’
पांडा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा की कि भारतीय दल ने विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. अब्दुलमजीद बिन अब्दुल्ला अल-बुनयान के साथ एक सार्थक बातचीत की, जिसमें सीमापार आतंकवाद के प्रति भारत के बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने के दृष्टिकोण और सुरक्षा शिक्षा और अनुसंधान में साझा अवसरों पर चर्चा की गई।
प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य सतनाम सिंह संधू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस संस्थान को ‘आतंकवाद को रोकने और पारस्परिक लाभ के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक शानदार मंच’ बताया।
प्रतिनिधिमंडल ने ‘गल्फ रिसर्च सेंटर’ के अध्यक्ष डॉ अब्दुल अजीज सेगर के साथ ‘विचारों का आदान-प्रदान’ भी किया।
दूतावास ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के प्रति भारत के संकल्प और दृष्टिकोण को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति और आपरेशन सिंदूर के प्रकाश में साझा किया। चर्चा में सुरक्षा और रक्षा सहयोग सहित सभी क्षेत्रों में भारत-सऊदी अरब की मजबूत साझेदारी पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।’’
पांडा ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘भारत और सऊदी अरब सुरक्षा, रक्षा और वैश्विक मामलों में संबंधों को प्रगाढ़ बनाना जारी रखे हुए हैं, आतंकवाद से लड़ने के लिए एक साझा संकल्प द्वारा एकजुट हैं। हमारे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने गल्फ रिसर्च सेंटर में चेयरमैन डॉ अब्दुलअजीज सेगर के साथ खुलकर और व्यावहारिक बातचीत की।’’
इससे पहले बुधवार को प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सऊदी अरब के विदेश मामलों के राज्य मंत्री अदेल अल-जुबेर से मुलाकात की; नियामक प्राधिकरण वाली एक सरकारी संस्था शूरा काउंसिल का दौरा किया और उपाध्यक्ष मिशाल अल-सुलामी और भारत-सऊदी मैत्री समिति के अध्यक्ष मेजर जनरल अब्दुलरहमान अलहरबी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने साथ ही प्रिंस सऊद अल फैसल इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमैटिक स्टडीज के महानिदेशक मुशबाब अल-कहतानी से भी मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दूतावास परिसर में महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की।
बुधवार को भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘सभी बैठकों में, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर सऊदी अरब से अटूट समर्थन मिला है। दोनों देश कट्टरपंथ को खत्म करने और चरमपंथ पर अंकुश लगाने की दिशा में अपने प्रयासों में मिलकर काम करना जारी रखेंगे।’
बयान में कहा गया कि दूतावास ने एक रात्रिभोज का आयोजन किया जिसमें सऊदी नागरिक समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की भागीदारी रही। बयान में कहा गया कि इससे आतंकवाद से निपटने के साथ-साथ भारत-सऊदी द्विपक्षीय साझेदारी से संबंधित व्यापक विषयों पर आगे की चर्चा का अवसर मिला।
पांडा और संधू के अलावा, प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रेखा शर्मा, भाजपा सांसद फंगनोन कोन्याक के अलावा पूर्व राजदूत हर्ष श्रृंगला शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। वह बहु-देशीय यात्रा के बहरीन चरण के बाद एक अस्पताल में भर्ती हैं। मंगलवार को रियाद पहुंचने से पहले प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन और कुवैत का दौरा किया था।
भाषा अमित माधव
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