(एच.एस.राव)
लंदन, आठ फरवरी (भाषा) अमेरिकी शिक्षिका कीशिया थोरपे ने कहा है कि भारतीय उद्यमी, शिक्षाविद और अनुसंधान संगठन कोविड महामारी के दौरान शिक्षा प्रणाली के पुनर्निर्माण के वास्ते नवोन्मेषी तरीकों की खोज के लिए सराहना के हकदार हैं।
थोरपे अमेरिका के मैरीलैंड स्थित इंटरनेशनल हाई स्कूल लैंगले पार्क में अंग्रेजी की शिक्षिका हैं और नवंबर 2021 में उन्हें वैश्विक शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार के तहत उन्हें 10 लाख डॉलर की राशि प्रदान की गई। इस पुरस्कार के लिए 121 देशों के करीब आठ हजार शिक्षकों को नामांकित किया गया था।
उन्होंने अमेरिका आने वाली पहली पीढ़ी के लोगों, निम्न आय वर्ग और अप्रवासी विद्यार्थियों को कॉलेज स्तर की शिक्षा मुहैया कराने में अहम योगदान दिया है।
थोरपे ने आह्वान किया कि भारत के ‘पथप्रदर्शक’ उद्यमियों, गैर लाभकारी और अनुसंधान संगठनों को वर्ष 2022 के ‘क्लॉस जे जैकेब बेस्ट प्रैक्टिस पुरस्कार’ के लिए नाम भेजना चाहिए ताकि पूरी दुनिया के शिक्षाविद उनके द्वारा विकसित नवोन्मेषी उपायों का अध्ययन कर सकें जिसकी मदद से उन्होंने कोविड-19 महामारी से इस क्षेत्र को बेहतर तरीके से उबारने में सहयोग दिया।
उल्लेखनीय है कि क्लॉस जे जैकेब बेस्ट प्रैक्टिस पुरस्कार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से उल्लेखनीय कार्य या तरीका अपनाने के लिए दिया जाता है और इसके लिए नामांकन की अंतिम तारीख 10 फरवरी है।
थोरपे ने कहा, ‘‘ भारत में बदलाव करने वाली प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उसके शिक्षा समुदाय में सृजनशीलता है जिससे वे नवोन्मेषी और व्यवहारिक उपाय पेश कर सकते हैं। ये उपाय पूरी दुनिया के शिक्षा क्षेत्र का पुनर्निमाण कर सकते हैं।’’
भाषा धीरज मनीषा
मनीषा
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