(अदिति खन्ना)
लंदन, चार सितंबर (भाषा) भारत के 18 वर्षीय एक छात्र ने अपनी उद्यमशीलता की भावना के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के ‘चेग.ओआरजी ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025’ के शीर्ष 10 दावेदारों में जगह बनाई है।
राजस्थान के जयपुर स्थित जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल (जेपीआईएस) के आदर्श कुमार को 148 देशों से आए लगभग 11,000 नामांकनों और आवेदनों में से चुना गया और वह इस वार्षिक पुरस्कार के लिए चुने जाने वाले एकमात्र भारतीय छात्र बन गए। यह पुरस्कार एक ऐसे असाधारण छात्र को दिया जाता है जिसने शिक्षा और समाज पर व्यापक रूप से वास्तविक प्रभाव डाला हो।
बिहार के चंपारण में जन्मे आदर्श जेपीआईएस में 30 लाख रुपये की पूर्ण छात्रवृत्ति जीतने वाले पहले छात्र बने और अब वह दूसरों के लिए भी उस सफलता को दोहराने में मदद कर रहे हैं।
चेग के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नाथन शल्ज ने कहा, ‘‘आपका काम साहसिक, विचारशील और बेहद ज़रूरी है। आप सिर्फ समस्याओं का समाधान ही नहीं कर रहे हैं; आप समुदायों को ऊपर उठा रहे हैं और दुनिया को दिखा रहे हैं कि जब जुनून और उद्देश्य मिलते हैं तो क्या संभव है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चेग में, हमारा मानना है कि छात्र दुनिया के सबसे शक्तिशाली परिवर्तनकर्ताओं में से हैं। यह पुरस्कार इसी का जश्न मनाने के लिए है – छात्रों की आवाज को बुलंद करना, उनके विचारों को उजागर करना और हम सभी को यह याद दिलाना कि जब युवा दूरदर्शिता, साहस और दिल से नेतृत्व करते हैं तो क्या हो सकता है।’’
आदर्श ने कम उम्र में ही यूट्यूब और गूगल के जरिए कोडिंग और स्टार्टअप इकोसिस्टम की खोज की, जब उनकी मां ने उन्हें लैपटॉप दिलाने के लिए अपनी जिंदगी भर की जमा-पूंजी खर्च कर दी थी।
उन्होंने आठवीं कक्षा में अपना पहला उद्यम शुरू किया, जो असफल रहा। लेकिन उनके दूसरे उद्यम, ‘मिशन बदलाव’ ने 1,300 परिवारों को कल्याणकारी योजनाओं-आयुष्मान भारत कार्ड, पेंशन, कोविड-19 टीके और स्कूल नामांकन तक पहुंचने में मदद की।
आदर्श 14 साल की उम्र में सिर्फ 1,000 रुपये लेकर आईआईटी-जेईई की कोचिंग की तलाश में कोटा चले गए। चूंकि वह कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर पा रहे थे, इसलिए उन्होंने लाइब्रेरी में मुफ्त वाई-फाई का इस्तेमाल मेंटर्स को ईमेल भेजने के लिए किया और आखिरकार प्रोग्राम्स में शामिल होने, स्टार्ट-अप्स में इंटर्नशिप करने और संस्थापकों के साथ काम करने में सक्षम हुए।
अगर वह यह वैश्विक पुरस्कार जीतते हैं, तो ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक एआई-संचालित, कम बैंडविड्थ वाला मेंटरशिप प्लेटफ़ॉर्म शुरू करना चाहते हैं।
इस साल शीर्ष 10 छात्रों में भारतीय मूल के 17 वर्षीय कनाडाई छात्र कृषिव ठाकुरिया भी शामिल हैं, जिन्हें शैक्षिक परिणामों को बदलने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करने के लिए चुना गया है।
भाषा वैभव मनीषा
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