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Thursday, 25 April, 2024
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भारतीय मूल की मुस्लिम महिला सहित 4 ने अमेरिका में जीता स्टेट और स्थानीय चुनाव

भारतीय-अमेरिकी गजला हाशमी एक अमेरिकी कम्युनिटी कॉलेज की पूर्व प्रोफेसर हैं. उन्होंने वर्जीनिया स्टेट सीनेट के लिए निर्वाचित होने वाली पहली मुस्लिम महिला बनकर इतिहास रचा है.

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वाशिंगटन : अमेरिका में भारतीय मूल के चार अमेरिकी नागरिकों ने मंगलवार को देश में हुए स्टेट और स्थानीय चुनावों में जीत दर्ज की. इसमें एक मुस्लिम महिला और एक पूर्व व्हाइट हाउस प्रौद्योगिकी नीति सलाहकार शामिल हैं. भारतीय-अमेरिकी गजला हाशमी एक अमेरिकी कम्युनिटी कॉलेज की पूर्व प्रोफेसर हैं. उन्होंने वर्जीनिया स्टेट सीनेट के लिए निर्वाचित होने वाली पहली मुस्लिम महिला बनकर इतिहास रच दिया है. वहीं सुहास सुब्रमण्यम वर्जीनिया स्टेट प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए हैं. वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में व्हाइट हाउस प्रौद्योगिकी नीति सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके हैं.

डेमोक्रेट उम्मीदवार हाशमी पहली बार चुनाव लड़ीं और वर्जीनिया के 10वें सीनेट जिले के लिए रिपब्लिकन स्टेट सीनेटर ग्लेन स्टर्टेवैंट को हरा दिया. उन्होंने इस ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, ‘यह जीत केवल मेरी नहीं है. यह जीत आप सभी की है जिनका मानना है कि हमें यहां वर्जीनिया में प्रगतिशील बदलाव लाने की जरूरत है.’

पूर्व विदेश मंत्री एवं अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए पहली महिला उम्मीदवार रहीं हिलेरी क्लिंटन ने हाशमी को बधाई दी.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं भी चिल्लाना चाहती हूं ‘हाशमी फॉर वर्जीनिया’, हाशमी वर्जीनिया स्टेट सीनेट के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं. जैसा कि उन्होंने कल कहा था उनकी जीत आप सभी की है जिनका मानना था कि यह वर्जीनिया में प्रगतिशील परिवर्तन की जरूरत है.’

हाशमी 50 वर्ष पहले एक युवती के तौर पर अपने परिवार के साथ अमेरिका आयी थीं. उन्होंने कहा, ‘सेक्रेटरी क्लिंटन मैं आपके शब्दों से काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं.’

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हाशमी और उनके पति अजहर 1991 में रिचमंड क्षेत्र आये थे. हाशमी ने पिछले 25 वर्षों तक वर्जीनिया कालेज और विश्वविद्यालय प्रणाली में एक प्रमुख शिक्षाविद के तौर पर व्यतीत किये. वह वर्तमान में रेनॉल्ड्स कम्युनिटी कालेज में सेंटर फॉर एक्सिलेंस इन टीचिंग एंड लर्निंग की संस्थापक निर्देशक के तौर पर कार्यरत हैं.

सुब्रमण्यम ने लाउडन एंड प्रिंस विलियम जिले से वर्जीनिया स्टेट प्रतिनिधि सभा में प्रवेश किया है. इस जिले में काफी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी रहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘लाउडन एंड प्रिंस विलियम जिले के लोगों से मेरा वादा है, मैं हमेशा आपकी बात सुनूंगा और आपके लिए अथक काम करूंगा और आपको समर्थ बनाने के लिए पूरा प्रयास करूंगा. प्रचार समाप्त हो गया है लेकिन मेरा काम अभी शुरू हुआ है.’

सुब्रमण्यम की मां भारत के बेंगलुरू की मूल निवासी हैं. वह 1979 में अमेरिका आयी थीं. वह डलेस हवाई अड्डे पर उतरीं और एक नया जीवन शुरू करने के लिए फिजिशियन बनीं.

सुब्रमण्यम ने कैपिटल हिल में स्वास्थ्य देखभाल और नीति सहायक के तौर पर काम किया. उन्होंने प्रौद्योगिकी एवं नियामक अटॉर्नी के तौर पर भी काम किया. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें व्हाइट हाउस प्रौद्योगिकी नीति सलाहकार नामित किया था.

उन्होंने इस पद पर रहते हुए प्रौद्योगिकी नीति पर एक कार्यबल का नेतृत्व किया जिसे ओबामा ने देश के सबसे चुनौतिपूर्ण प्रौद्योगिकी मुद्दों के समाधान की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसमें रोजगार सृजन, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विस्थापन, उभरती प्रौद्योगिकी का नियमन और सार्वजनिक क्षेत्र में साइबर सुरक्षा और आईटी आधुनिकीकरण शामिल था.
कैलीफोर्निया में भारतीय मूल के अमेरिकी मानो राजू ने सैन फ्रांसिस्को के पब्लिक डिफेंडर बने रहने के लिए चुनाव जीता.

राजू के अभिभावक तमिलनाडु से अमेरिका गए थे. राजू ने कोलंबिया विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की और वहीं से प्रोफेसर के. थॉमस की देखरेख में क्रिटिकल रेस थ्योरी पर अनुसंधान किया. ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर अफ्रीकन स्टडीज में फेलोशिप के बाद वह 1990 के दशक में बर्कले चले गए. उन्होंने वहां साउथ एशियन स्टडीज में स्नातकोत्तर की डिग्री ली और उसके बाद बर्कले स्कूल आफ लॉ से जूरिस डॉक्टर किया.

नार्थ कैरोलिना में डिम्पल अजमेरा चार्लोट सिटी काउंसिल के लिए फिर से निर्वाचित हुईं. सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट अजमेरा जब 16 वर्ष की थीं तब अपने अभिभावकों के साथ अमेरिका आयी थीं.

उस समय वह अंग्रेजी नहीं बोल पाती थीं. उन्होंने यूनीवर्सिटी आफ सदर्न कैलीफोर्निया से स्नातक की पढ़ाई की और उसके बाद सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट बनीं.

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