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रविवार, 8 जून, 2025
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भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर को नेपाल में अन्नपूर्णा पर्वत से सुरक्षित बचाया गया

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(कॉपी में सुधार के साथ)

काठमांडू, 18 अप्रैल (भाषा) भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही बलजीत कौर (27) को नेपाल में अन्नपूर्णा चोटी से उतरते समय ‘चौथे शिविर’ के पास से लापता होने के एक दिन बाद मंगलवार को सुरक्षित बचा लिया गया। एक अभियान आयोजक ने यह जानकारी दी।

‘पायनियर एडवेंचर’ के अध्यक्ष पसंग शेरपा ने ‘हिमालयन टाइम्स’ को बताया कि सोमवार को जरूरी ऑक्सीजन के बिना दुनिया की दसवीं सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करने वाली कौर को हवाई खोजी दल ने चौथे शिविर के पास 7,363 मीटर की ऊंचाई पर देखा और उन्हें वहां से बचा लिया गया।

शेरपा ने कहा, ‘वह शीतदंश से पीड़ित हैं और अब उन्हें काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीआईडब्ल्यूईसी अस्पताल ले जाया जा रहा है।’

शेरपा के मुताबिक, हवाई खोज दल ने कौर को कैंप की ओर अकेले उतरते देखा।

इस संबंध में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, कौर शिखर बिंदु के नीचे अकेली रह गई थीं और आज सुबह तक रेडियो संपर्क से बाहर थीं। मंगलवार की सुबह जब एक हवाई खोज अभियान शुरू हुआ तब वह ‘तत्काल मदद’ के लिए एक रेडियो सिग्नल भेजने में कामयाब रहीं।

शेरपा के अनुसार, कौर की जीपीएस लोकेशन ने 7,375 मीटर (24,193 फुट) की ऊंचाई का संकेत दिया था। वह सोमवार शाम करीब सवा पांच बजे दो शेरपा गाइड के साथ अन्नपूर्णा चोटी पर पहुंची थीं। उन्हें ढूंढ़ने के लिए कम से कम तीन हेलीकॉप्टर लगाए गए थे।

पिछले साल मई में, हिमाचल प्रदेश की निवासी बलजीत कौर ने ‘माउंट ल्होत्से’ को फतह किया था और एक ही मौसम में 8000 मीटर ऊंची चार चोटियों पर चढ़ने वाली वह पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं।

राजस्थान के किशनगढ़ निवासी अनुराग मालू सोमवार को अन्नपूर्णा पर्वत के तीसरे शिविर से उतरते समय लापता हो गए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच शेरपा पर्वतारोहियों का एक दल मालू की तलाश कर रहा है।

‘सेवन समिट ट्रेक्स’ के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने बताया कि सर्दियों के मौसम में ‘के-2’ के शिखर पर पहुंचने वाले आयरलैंड के पहले व्यक्ति नोएल हन्ना ने कल रात ‘चौथे शिविर’ में अंतिम सांस ली जिनके शव को मंगलवार को काठमांडू लाया गया।

रिपोर्ट में ‘सेवन समिट ट्रेक्स’ के अभियान निदेशक छांग दावा शेरपा के हवाले से कहा गया है कि भारतीय पर्वतारोही अर्जुन वाजपेयी के साथ पाकिस्तानी पर्वतारोही शहरोज काशिफ और नैला कियानी को भी शिखर बिंदु से नीचे उतरते समय बीमार पड़ने के बाद चौथे शिविर से बचाया गया।

अन्नपूर्णा दुनिया का दसवां सबसे ऊँचा पर्वत है, जो समुद्र तल से 8,091 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी चढ़ाई अत्यंत दुर्गम होती है।

भाषा साजन माधव

माधव नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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