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Wednesday, 18 December, 2024
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ढाका में भारतीय उच्चायोग ने विरोध और धमकियों के बावजूद वापस किए 20,000 वीजा आवेदन

भारत ने पिछले महीने बांग्लादेश में वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थीं. पता चला है कि अभी केवल कुछ सौ जरूरी अनुरोधों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें मेडिकल या छात्र वीजा के लिए आवेदन शामिल हैं.

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नई दिल्ली: ढाका में भारतीय उच्चायोग को भेजे गए विरोध और धमकी भरे ईमेल के बाद 20,000 से अधिक बांग्लादेशी वीजा आवेदकों के पासपोर्ट वापस लौटा दिए गए हैं.

बांग्लादेशी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने के साथ पासपोर्ट भारतीय उच्चायोग के पास थे.

भारत सरकार के सूत्रों ने पुष्टि की है कि तत्काल वीज़ा के लिए केवल कुछ सौ अनुरोधों पर विचार किया जा रहा है. इनमें मुख्य रूप से मेडिकल, छात्र और डबल एंट्री वीज़ा शामिल हैं.

पिछले महीने शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से बांग्लादेश में भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र बड़े पैमाने पर बंद हैं, कई आवेदकों के पासपोर्ट ढाका में उच्चायोग के पास ही रह गए हैं. उत्तेजित आवेदकों ने उच्चायोग को कई ईमेल भेजे, जिनमें से एक ने तोड़फोड़ की धमकी भी दी. इसी समय, भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्रों पर कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की गई, जहां एक से अधिक मौकों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए.

कई लोगों ने तो उच्चायोग को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर धमकियां भी पोस्ट कीं.

ढाका में भारतीय उच्चायोग और चार अन्य वाणिज्यिक दूतावासों के साथ, बांग्लादेश से भारत आने वाले विदेशी विज़िटर्स की संख्या सबसे अधिक है. 2023 में बांग्लादेशी नागरिकों को कम से कम 16 लाख वीजा जारी किए गए थे. दिप्रिंट द्वारा एक्सेस किए गए डेटा से पता चलता है कि 16 लाख वीजा में से 4.5 लाख मेडिकल वीजा थे.

इसी तरह, इस साल अगस्त तक भारत ने बांग्लादेशी नागरिकों को 8 लाख वीजा जारी किए, जिनमें 2 लाख मेडिकल वीजा शामिल हैं. भारत बांग्लादेशी नागरिकों को 15 श्रेणियों के वीजा प्रदान करता है, जिनमें तत्काल आवश्यकता वाले यानि अर्जेंट वीज़ा भी शामिल हैं.

एक सूत्र ने बताया, “5 अगस्त से वीज़ा जारी करने पर रोक लगी हुई है. कर्मचारियों की कमी के अलावा, मौजूदा स्थिति को देखते हुए वीज़ा जारी न करने का एक सोचा-समझा निर्णय लिया गया है. केवल कुछ आपातकालीन मामलों जैसे कि चिकित्सा मामले जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, भारत में पाठ्यक्रमों में शामिल होने वाले छात्रों के लिए वीज़ा और कुछ मामलों में उन लोगों के लिए डबल एंट्री वीज़ा जिन्हें किसी तीसरे देश के लिए वीज़ा के लिए आवेदन करने के लिए भारत आना पड़ता है, की अनुमति दी जा रही है.”

चूंकि बांग्लादेश में कई देशों के राजनयिक मिशन मौजूद नहीं हैं, जिनमें कुछ यूरोप के भी शामिल हैं, इसलिए उन देशों की यात्रा करने के इच्छुक बांग्लादेशी नागरिक भारत से वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं. सूत्र ने बताया, “ये वे लोग हैं जिन्हें ज़्यादातर व्यवसाय के लिए यात्रा करनी पड़ती है. हम इनमें से कुछ तत्काल आवेदनों पर विचार कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “लंबित पासपोर्ट वापस कर दिए गए हैं.”

यह भी पता चला है कि दुर्गा पूजा के त्यौहार को देखते हुए वीज़ा के लिए अनुरोधों में वृद्धि हुई है, जो कि बस आने ही वाला है.

सूत्र ने कहा, “दुर्गा पूजा नजदीक आ रही है. कई बांग्लादेशी नागरिक इसके लिए पश्चिम बंगाल की यात्रा करते हैं. इसलिए, कई अनुरोध आ रहे हैं. एक नैरेटिव यह भी शुरू हो गया है कि कोलकाता के बाजारों को नुकसान होगा क्योंकि लोगों को पश्चिम बंगाल की यात्रा करने से रोका जा रहा है,”

तत्काल वीज़ा का दुरुपयोग

एक दूसरे सूत्र ने पुष्टि की कि ढाका में भारतीय उच्चायोग के बाहर कई विरोध प्रदर्शनों और धमकी भरे ईमेल के बाद पासपोर्ट वापस भेजने का निर्णय लिया गया.

दूसरे सूत्र ने कहा, “आवेदकों ने न केवल प्रतिदिन उच्चायोग को ईमेल भेजे, बल्कि कर्मचारियों को धमकाया और परेशान किया. फिर हमने फैसला किया कि धीरे-धीरे सभी पासपोर्ट जारी किए जाएंगे. हालांकि, वीज़ा ऑपरेशन अभी भी निलंबित है.”

उन्होंने कहा, “20,000 से ज़्यादा पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं, लेकिन निलंबित ऑपरेशन के कारण आंदोलन और धमकियां जारी हैं. हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी और प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएगी.”

दूसरे सूत्र ने यह भी कहा कि भारत हर साल लाखों बांग्लादेशी नागरिकों को वीज़ा जारी करता है और “सत्ता के अचानक परिवर्तन” के कारण प्रक्रिया बाधित हुई, जिसके परिणामस्वरूप जनता की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई.

यह भी पता चला है कि ढाका में भारतीय उच्चायोग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है क्योंकि तत्काल वीजा के विकल्प का भी दुरुपयोग देखा गया है. दूसरे सूत्र ने कहा, “टाइगर रॉबी, जो बांग्लादेश क्रिकेट मैचों में एक जाना-पहचाना चेहरा है और अक्सर अपनी टीम को चीयर करने के लिए बाघ की पोशाक पहनता है, मेडिकल वीजा पर भारत आया था और उसे कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में (पिछले सप्ताह) देखा गया था… एक अन्य मामले में हमने पाया कि एक व्यक्ति मेडिकल वीजा पर आया था, लेकिन इलाज के लिए नहीं. यही कारण है कि उच्चायोग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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