नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने शुक्रवार को कहा कि 1998 में हस्ताक्षरित भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को संशोधित करने की आवश्यकता है’।
यहां ‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट’ में अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे यह द्वीपीय राष्ट्र पुनर्निर्माण की ओर बढ़ रहा है भारत के साथ इसकी साझेदारी ‘प्रत्येक कल्पनीय क्षेत्र में एक दूरदर्शी, बहुआयामी सहयोग के रूप में विकसित हुई है।’
अमरसूर्या 16 से 18 अक्टूबर तक तीन-दिवसीय भारत यात्रा पर हैं और प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनका पहला आधिकारिक दौरा है।
वह बृहस्पतिवार को यहां हिंदू कॉलेज गईं जहां उनका भव्य स्वागत किया गया और कॉलेज ने परिसर में उनके दौरे को एक ‘प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा’ की ‘उल्लेखनीय घर वापसी’ बताया।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने 1990 के दशक के प्रारंभ में एक युवा श्रीलंकाई छात्रा के रूप में समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के लिए दिल्ली आने की घटना को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली… एक ऐसा शहर जो मेरी कुछ शुरुआती यादों को समेटे हुए है। यहां दिल्ली में खड़े होकर ऐसा लगता है जैसे मैं एक चक्र पूरा कर रही हूं। तीन दशक पहले 1990 के दशक की शुरुआत में मैं हिंदू कॉलेज में एक छात्रा थी। मैं श्रीलंका की एक युवा छात्रा थी जो परिवर्तनशील दुनिया में यात्रा कर रही थी। दिल्ली तब भी विचारों का शहर था जैसा कि आज है और जो सदियों से भारत की स्थायी भावना को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज श्रीलंका पुनर्निर्माण की ओर अग्रसर है। भारत के साथ हमारी साझेदारी विकास सहयोग, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटलीकरण, शिक्षा और प्रौद्योगिकी, व्यापार और निवेश, रक्षा, पर्यटन, संस्कृति और सबसे महत्वपूर्ण रूप से लोगों से लोगों के बीच संपर्क सहित हर कल्पनीय क्षेत्र में एक दूरदर्शी, बहुआयामी सहयोग के रूप में विकसित हुई है।’’
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘निःसंदेह, भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को संशोधित करने की आवश्यकता है, जो दोनों देशों के लिए पहला समझौता है और जिस पर 1998 में हस्ताक्षर किए गए थे।’’
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यासिर सुरेश
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