तियानजिन (चीन): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि भारत और रूस हमेशा कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं.
मोदी की पुतिन की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत एवं अमेरिका के संबंध पिछले दो दशक के संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं.
मोदी और पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर बैठक की, जिसमें आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
आधिकारिक वार्ता से पहले, दोनों नेताओं ने एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने कार्यक्रम समाप्त करने के बाद एक ही कार में बैठक स्थल तक एक साथ यात्रा करते हुए 40 मिनट से अधिक समय तक अनौपचारिक बातचीत की.
मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए हाल ही में किए गए सभी प्रयासों का स्वागत करता है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को यथाशीघ्र समाप्त करना मानवता का आह्वान है.
प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा, ‘‘हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर नियमित रूप से चर्चा करते रहे हैं. हम शांति स्थापित करने की दिशा में हाल में किए गए सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ेंगे. इस संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता अवश्य निकाला जाना चाहिए. यह संपूर्ण मानवता की आकांक्षा है.’
समझा जाता है कि भारतीय पक्ष ने पुतिन को शनिवार को मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बीच हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी. मोदी से बात करने के बाद, ज़ेलेंस्की ने कहा कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आवश्यक प्रयास करने और रूस को उपयुक्त संकेत देने के लिए तैयार है.
पुतिन ने कहा कि रूस और भारत ने दशकों से ‘‘विशेष मैत्रीपूर्ण और विश्वास-आधारित’’ संबंध बनाए रखे हैं, और यह संबंधों के भविष्य के विकास की नींव है. उन्होंने कहा, ‘‘ये संबंध पूरी तरह से दलगत राजनीति से ऊपर हैं और इन्हें हमारे अधिकांश लोगों का समर्थन प्राप्त है.’’
भारत के बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष को हल करने के लिए हाल में की गई पहल के प्रति अपना समर्थन दोहराया, तथा संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने तथा ‘स्थायी शांति’ की आवश्यकता पर बल दिया.
मोदी-पुतिन वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्ध समाप्त करने के प्रयासों के तहत रूस के राष्ट्रपति के साथ शिखर बैठक आयोजित करने के दो सप्ताह बाद हुई है.
भारत पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि दोनों नेताओं ने वाहन में अनौपचारिक बातचीत के दौरान इस पर चर्चा की.
ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है. ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों द्वारा भारत की लगातार आलोचना से संबंधों में तनाव और बढ़ गया है.
अपने संबोधन में, मोदी ने यह भी कहा कि भारत के 140 करोड़ लोग दिसंबर में भारत में रूसी नेता के स्वागत के लिए ‘उत्सुकता से प्रतीक्षा’ कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की गहराई और दायरे का प्रतिबिंब है. भारत और रूस हमेशा सबसे कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं.’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा घनिष्ठ सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है.’’
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पुतिन के साथ अपनी वार्ता को ‘शानदार’ बताया और कहा कि उन्होंने व्यापार, उर्वरक, अंतरिक्ष, सुरक्षा और संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की.
Had an excellent meeting with President Putin on the sidelines of the SCO Summit in Tianjin. Discussed ways to deepen bilateral cooperation in all sectors, including trade, fertilisers, space, security and culture. We exchanged views on regional and global developments, including… pic.twitter.com/DhTyqOysbf
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया. हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है.’’
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी और पुतिन की एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें वे एक कार में साथ-साथ यात्रा कर रहे हैं. मोदी ने कहा, ‘‘एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय बैठक स्थल पर साथ-साथ पहुंचे. उनके साथ बातचीत हमेशा सार्थक होती है.’’
भारत के बयान में कहा गया है कि मोदी और पुतिन ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की और इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया.
इसमें कहा गया, ‘‘दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की.’’
अपने संबोधन में, पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को 15 वर्षों के दौरान विशेष विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंचाने का भी उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, ‘‘यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि हमारे बहुआयामी रूसी-भारतीय संबंध इन सिद्धांतों पर सक्रिय रूप से विकसित होते रहेंगे.’’
पुतिन ने कहा, ‘‘हमने बहु-स्तरीय सहयोग स्थापित किया है. समग्र रूप से व्यापार और आर्थिक संबंध सकारात्मक माहौल प्रदर्शित कर रहे हैं. पर्यटन आदान-प्रदान बढ़ रहा है. हम अंतरराष्ट्रीय मंच-संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, जी-20 और निश्चित रूप से शंघाई सहयोग संगठन में घनिष्ठ समन्वय के साथ काम कर रहे हैं.’’
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