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Sunday, 22 December, 2024
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कश्मीर मध्यस्थता पर भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावे को किया ख़ारिज

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने का प्रस्ताव रखा था.

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नई दिल्ली : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की पेशकश की. मुलाकात के बाद दोनों नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि अगर मैं इस मामले में मदद कर सकूं तो मुझे मध्यस्थ बनने में खुशी होगी. ट्रंप ने दावा किया कि पिछले महीने जापान के ओसाका में जी-20 समिट के दौरान उनकी मोदी से कश्मीर मसले पर बातचीत हुई थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे ‘विवादित कश्मीर’ क्षेत्र के लिए मदद करने को कहा, क्या वे ‘मध्यस्थ बनाना पसंद करेंगे.’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने देर रात को ट्वीट किया और लिखा कि भारत ने कभी भी ऐसी पेशकश नहीं की.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘हमने अमेरिका के राष्ट्रपति की टिप्पणी देखी कि यदि भारत और पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर अनुरोध करते हैं तो वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है. भारत अपने रुख पर अडिग है.’

भारत की यह नीति रही है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी मुद्दे पर समाधान के लिए केवल द्विपक्षीय वार्ता ही हो सकती है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान तीन दिन की यात्रा पर अमेरिका पहुंचे उन्होंने यहां अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने कश्मीर मसले का सवाल उठाया है.

आपको बता दें, प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद व्हाइट हाउस से जारी विज्ञप्ति में ‘कश्मीर’ मुद्दे का जिक्र तक नहीं था.

कश्मीर पर मध्यस्थता का ट्रंप का प्रस्ताव बचकाना और शर्मनाक : अमेरिकी सांसद

अमेरिकी सांसद ब्रैड शरमन ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता का राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का प्रस्ताव बचकाना और शर्मनाक है और उन्होंने ट्रंप की इस गलती को लेकर वॉशिंगटन में भारत के राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला से माफी मांगी है. कैलिफोर्निया के सैन फर्नाडो वैली के प्रतिनिधि शरमन ने साथ ही कहा कि भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के मध्यस्थता के प्रस्ताव का हमेशा से विरोध करता रहै है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में ट्रंप से मध्यस्थता के लिए कभी नहीं कहा होगा.

उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया, ‘मैंने ट्रंप के बचकाने और शर्मनाक बयान के लिए भारतीय राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला से माफी मांगी है.’

उन्होंने कहा, ‘जो भी दक्षिण एशिया की विदेश नीति के बारे में कुछ भी जानता है वह यह भी जानता है कि भारत हमेशा कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता का विरोध करता रहा है. हर कोई जानता है कि प्रधानमंत्री मोदी कभी भी ऐसा नहीं कहेंगे. ट्रंप का बयान बचकाना और भ्रामक है. यह शर्मनाक है.’

राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका दौरे पर आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे पाकिस्तान के साथ विवाद को लेकर मध्यस्थता का आग्रह किया है.

भारत ने तत्काल ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कोई आग्रह नहीं किया.’

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