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मंगलवार, 6 मई, 2025
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भारत-पाक तनाव: यूएनएससी सदस्यों ने तनाव कम करने का आह्वान किया, पाकिस्तान से ‘कड़े सवाल’ पूछे

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(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, छह मई (भाषा) भारत-पाकिस्तान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने बंद कमरे में इस मुद्दे पर चर्चा की, जिसमें राजदूतों ने संयम बरतने और संवाद करने का आह्वान किया तथा पाकिस्तान से ‘‘कड़े सवाल’’ पूछे।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मई महीने के लिए अध्यक्ष यूनान ने पाकिस्तान के अनुरोध पर सोमवार को बैठक निर्धारित की थी। पाकिस्तान, वर्तमान में 15 सदस्यीय शक्तिशाली सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है

बैठक जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई। पहलगाम हमले की घटना के बाद से भारत में आक्रोश फैला हुआ है।

सुरक्षा परिषद ने बैठक के बाद कोई बयान जारी नहीं किया लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके उद्देश्य ‘‘काफी हद तक पूरे हो गए’’।

संयुक्त राष्ट्र में राजनीतिक और शांति निर्माण मामलों के विभाग (डीपीपीए) एवं शांति अभियान विभाग (डीपीओ) में पश्चिम एशिया, एशिया और प्रशांत मामलों के लिए सहायक महासचिव खालिद मोहम्मद खैरी ने दोनों विभागों की ओर से सुरक्षा परिषद को जानकारी दी। खैरी ट्यूनीशिया से हैं।

बैठक से बाहर आकर खैरी ने कहा कि ‘‘संघर्ष का समाधान संवाद और शांतिपूर्ण तरीके से निकालने’’ का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि ‘‘स्थिति काफी अस्थिर है।’’

संयुक्त राष्ट्र में यूनान के स्थायी प्रतिनिधि एवं वर्तमान यूएनएससी अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने इसे ‘‘सार्थक और उपयोगी बैठक’’ बताया।

रूस के एक राजनयिक ने कहा, ‘‘हमें तनाव कम होने की उम्मीद है।’’

सूत्रों ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अपने अनौपचारिक सत्र में पाकिस्तान से ‘‘कड़े सवाल’’ पूछे। उन्होंने कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने की सलाह दी गई।

सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी हमले की व्यापक निंदा की गई और जवाबदेही की आवश्यकता को स्वीकारा गया।

सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों ने विशेष रूप से धार्मिक आस्था के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाने का मुद्दा उठाया।

यूएनएससी सदस्यों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के इसमें शामिल होने की संभावना है या नहीं।

सुरक्षा परिषद की यह बैठक सोमवार दोपहर को लगभग डेढ़ घंटे तक चली। बैठक का आयोजन ‘यूएनएससी चैंबर’ में नहीं बल्कि उसके बगल के परामर्श कक्ष में हुआ।

सूत्रों ने बताया कि स्थिति का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयास भी विफल रहे। कई सदस्यों ने चिंता व्यक्त की कि पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण और परमाणु बयानबाजी ने स्थिति को बिगाड़ने का काम किया।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में देश के उद्देश्य ‘‘काफी हद तक पूरे और हासिल किए गए’’।

उन्होंने कहा कि बंद कमरे में हुई बैठक का उद्देश्य परिषद के सदस्यों को भारत-पाकिस्तान के बीच बिगड़ते सुरक्षा माहौल और बढ़ते तनाव पर चर्चा करने तथा इस स्थिति से निपटने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाना है। इसमें गंभीर परिणाम पैदा करने वाले टकराव से बचना और तनाव कम करने की आवश्यकता भी शामिल है।

अहमद ने परिषद के सदस्यों को उनकी भागीदारी और संयम, तनाव कम करने और बातचीत के लिए उनके आह्वान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन ‘‘हम अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं’’।

पाकिस्तान ने भारत द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘पानी जीवन है, हथियार नहीं। ये नदियां 24 करोड़ से अधिक पाकिस्तानियों का भरण-पोषण करती हैं।’’

अहमद ने कहा कि बैठक में पाकिस्तान ने ‘‘भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण, सहयोगात्मक संबंधों के लिए अपनी प्रतिबद्धता’’ दोहराई।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित बातचीत के लिए तैयार हैं।’’

यूएनएससी की बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा था कि ऐसी चर्चा से किसी परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है ‘‘जहां संघर्ष में शामिल एक पक्ष परिषद की अपनी सदस्यता का उपयोग करके विमर्श को आकार देने की कोशिश करता है। भारत ऐसे पाकिस्तानी प्रयासों को विफल करेगा।’’

बंद कमरे में बैठक से कुछ समय पहले सोमवार सुबह यूएनएससी के बाहर प्रेस से बातचीत में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का स्तर ‘‘पिछले कई साल में सबसे अधिक’’ होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह देखकर दुख होता है कि रिश्ते ऐसी हालत में पहुंच गए हैं।’’

गुतारेस ने कहा कि वह पहलगाम में हुए ‘‘भयावह आतंकी हमले’’ के बाद लोगों की ‘‘भावनाओं’’ को समझते हैं और उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की।

उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय एवं वैध तरीकों से न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।’’

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सैन्य टकराव से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सुरक्षा परिषद के पांच वीटो-धारक स्थायी सदस्यों – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य अल्जीरिया, डेनमार्क, यूनान, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया हैं।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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