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Sunday, 22 December, 2024
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भारत को अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए अभी और आर्थिक सुधारों की जरूरत: आईएमएफ

हालिया कुछ सप्ताह के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में 20 अरब डॉलर के एफडीआई की घोषणा की है. इससे इस साल भारत में आने वाला एफडीआई अभी ही 40 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है.

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वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कारोबारी माहौल को मजबूत बनाने तथा व्यापार में निवेश को प्रोत्साहित करने के भारत के प्रयासों ने निवेश आकर्षित करने में मदद की है. हालांकि आईएमएफ ने साथ में यह भी जोड़ा कि टिकाऊ तथा अधिक समावेशी वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये भारत को अभी और आर्थिक सुधार करने की जरूरत है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य प्रवक्ता गैरी राइस ने फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के द्वारा भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की हालिया घोषणाओं के मद्देनजर पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की.

हालिया कुछ सप्ताह के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में 20 अरब डॉलर के एफडीआई की घोषणा की है. इससे इस साल भारत में आने वाला एफडीआई अभी ही 40 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है.

राइस ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत में हाल के वर्षों में, व्यापार के माहौल को मजबूत करने और व्यापार में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये लगातार प्रयास किए गये हैं. इससे निवेश को आकर्षित करने और चालू खाते के वित्तपोषण की विविधता में सुधार करने में तथा बाहरी कमजोरियों को दूर करने में मदद मिली है.’


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उन्होंने कहा, ‘प्रासंगिक सुधारों में नयी दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), राष्ट्रीय माल एवं सेवा कर (जीएसटी) शामिल है. इन सुधारों ने भारत में कारोबार करना सुगम बनाया है और भारत विश्वबैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में 2018 के 100वें पायदान से छलांग लगाकर 2020 में 63वें स्थान पर पहुंच गया है.’

राइस ने कहा, ‘फिर भी मेरे विचार से और भी अधिक निवेश आकर्षित करने व टिकाऊ व समावेशी वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये अभी श्रम, उत्पाद मिश्रित भूमि और अन्य आर्थिक सुधार तथा अधिक बुनियादी ढांचा निवेश आवश्यक है.’

उल्लेखनीय है कि आईएमएफ ने कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान व्यक्त किया है.

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