तियानजिन (चीन), 31 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को म्यांमा की सैन्य सरकार के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से कहा कि भारत को उम्मीद है कि म्यांमा में आगामी चुनाव निष्पक्ष और समावेशी तरीके से होंगे, जिसमें सभी पक्ष शामिल होंगे।
मोदी ने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर ह्लाइंग से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ जनरल से यह भी कहा कि भारत ‘‘म्यांमा नीत और म्यांमा के नेतृत्व वाली शांति प्रक्रिया’’ का समर्थन करता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि म्यांमा में आगामी चुनाव निष्पक्ष और समावेशी तरीके से होंगे।’’
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत म्यांमा के नेतृत्व वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है, जिसके लिए शांतिपूर्ण बातचीत और परामर्श ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।’’
मोदी ने यह भी कहा कि भारत अपनी ‘पड़ोस पहले’, ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘हिंद-प्रशांत’ नीतियों के तहत म्यांमा के साथ संबंधों को महत्व देता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और विकास साझेदारी, रक्षा एवं सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और सीमा व्यापार के मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग के कई पहलुओं पर आगे बढ़ने के तरीकों पर चर्चा की।’’
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस वार्ता में कहा कि सुरक्षा और सीमा मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
म्यांमा भारत के रणनीतिक महत्व के पड़ोसियों में से एक है और इसकी 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ लगती है।
भाषा शोभना सुभाष
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