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Friday, 15 November, 2024
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UN में भारत की दूत ने कहा, जी20 को जनता का G20 बनाने के लिए इसे अपने देश के लोगों के बीच ले जा रहे

कंबोज ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व के जरिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे प्रभावशाली अभियानों के माध्यम से लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण के महत्व को उजागर करने में अहम मदद मिली है.

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न्यूयॉर्क (अमेरिका): संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने बृहस्पतिवार को कहा कि जैसा कि पीएम मोदी ने कहा था कि जी20 की अध्यक्षता करने वाला भारत 140 करोड़ भारतीयों की ताकत का प्रतिबिंब है, ‘हम इसे लोगों का जी20 बना रहे हैं.’

कंबोज ने ‘जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर की बैठक और विदेश मंत्रियों की बैठक’ में संयुक्त राष्ट्र की अनौपचारिक ब्रीफिंग में कहा, ‘जैसा कि भारत के सम्मानित प्रधानमंत्री ने कह चुके हैं कि भारत का जी20 की अध्यक्षता करना यह 140 करोड़ भारतीयों की ताकत का प्रतिबिंब है. हम जी20 को अपने देश के लोगों के बीच ले जा रहे हैं, हम इसे लोगों का जी20 बना रहे हैं.

भारतीय एम्बेस्डर ने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता की शुरुआत अच्छी रही. ‘हम विदेश मंत्री की बैठक और वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों समेत कई अहम बैठकें कर चुके हैं.’

उन्होंने कहा कि भारत प्रैक्टिकल एक्टिविटीज में निजी क्षेत्र, विश्वविद्यालयों, सिविल सोसाइटी और युवाओं को शामिल कर  वैश्विक मुद्दों पर ताजा नजरिये को सामने ला रहा है.

कंबोज ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व के जरिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे प्रभावशाली अभियानों के माध्यम से लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण के महत्व को उजागर करने में अहम मदद मिली है.

‘भारत के प्राचीनकालीन मूल्य और सांस्कृतिक आचार-व्यवहार ने हमें सिखाया है कि लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण समाज के लिए प्रमुख महत्व में से एक है.’

यूएन में स्थायी प्रतिनिधि ने सीएसडब्ल्यू67 साइड कार्यक्रम में कहा, ‘हम महिलाएं और लड़कियां एक ऐसी दुनिया चाहते हैं, जहां टेक्नोलॉजी सामाजिक और आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने के लिए हो.’

कंबोज ने कार्यक्रम में कहा, ‘हमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व से भी दिशा मिली है जो इन मुद्दों को हाइलाइट करने में अहम भूमिका निभाई है, जैसे कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ.’ ऐसे कार्यक्रम जैसे कि ‘डिजिटल इंडिया’, ‘माईजीओवी’ पिछले 9 सालों में, भारत में डिजटली सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने में अभूतपूर्व सफलता की कहानी के प्लेटफॉर्म बने हैं.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने महिलाओं के लिए वित्त, क्रेडिट, टेक्नोलॉजी और रोजगार तक पहुंच को सक्षम बनाने के लिए अधिक फोकस करने वाले कई नागरिक-केंद्रित डिजिटल इनीशिएटिव्स भी लिए हैं.


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