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Thursday, 4 December, 2025
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रूस से यूक्रेनी बच्चों की वापसी की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव से भारत ने दूरी बनाई

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(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, चार दिसंबर (भाषा) भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव से दूरी बना ली, जिसमें मांग की गई है कि रूस युद्ध शुरू होने के बाद से जबरन स्थानांतरित सभी यूक्रेनी बच्चों की तत्काल, सुरक्षित और बिना शर्त वापसी सुनिश्चित करे।

बुधवार को 193 सदस्यीय महासभा ने ‘यूक्रेनी बच्चों की वापसी’ प्रस्ताव को पारित कर दिया, जिसके पक्ष में 91 वोट पड़े, विपक्ष में 12 तथा 57 अनुपस्थित रहे।

भारत उन देशों में शामिल था, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया। इस सूची में बहरीन, बांग्लादेश, ब्राजील, चीन, मिस्र, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका भी शामिल थे।

प्रस्ताव में मांग की गई कि रूस ‘‘उन सभी यूक्रेनी बच्चों की तत्काल, सुरक्षित और बिना शर्त वापसी सुनिश्चित करे जिन्हें जबरन स्थानांतरित या निर्वासित किया गया है।’’

यूक्रेन की उप विदेश मंत्री मारियाना बेत्सा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 11वें आपातकालीन विशेष सत्र में मसौदा प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि अक्टूबर 2025 तक, जबरन स्थानांतरित बच्चों की संख्या 6395 हैं।

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, जबरन स्थानांतरण के 20,000 से ज्यादा मामलों की जांच की जा रही है।

रूस की उप स्थायी प्रतिनिधि मारिया जाबोलोत्स्काया ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी टिप्पणी में कहा कि मसौदा प्रस्ताव ‘‘झूठे आरोपों’’ से भरा हुआ है।

भाषा शफीक रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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