नई दिल्ली: शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कथित तौर पर देश छोड़कर भाग जाने के बाद कोलंबो में हजारों की संख्या में गुस्साए प्रदर्शनकारी उनके घर पर कब्जा कर लिया.
श्रीलंका के स्थानीय मीडिया डेली मिरर ने बताया कि हवा में कई गोलियां चलने की आवाज सुनी गई थीं. पुलिस ने राष्ट्रपति आवास को घेरने वाले प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
डेली मिरर ने ट्वीट किया, प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस गए हैं. राष्ट्रपति गोटबाया ने कोलंबो में प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही परिसर खाली कर दिया था.
इस बीच, प्रदर्शनों के दौरान दो पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 30 लोग घायल हो गए और उन्हें कोलंबो में नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने शनिवार को शाम चार बजे के लिए पार्टी नेताओं की एक विशेष बैठक बुलाई है.
इससे पहले वहां के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. बैठक देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने और जल्द समाधान निकालने के लिए बुलाई है.
सरकारी सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति राजपक्षे से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है.
राष्ट्रपति को संबोधित एक पत्र में, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने उनसे भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त एक नेता को अवसर देने का आह्वान किया है.
उधर, प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह से राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया है. इस दौरान कई प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में बिस्तर पर बैठे हुए नजर आए. साथ ही कुछ लोगों की स्वीमिंग पूल में डुबकी लगाते हुए तस्वीर सामने आई है.
इस बीच पुलिस अधिकारी को भी प्रदर्शन में शामिल होते देखा गया है.
समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) सांसद रजिता सेनारत्ने जब विरोध में शामिल होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने उन पर हमला कर दिया.
श्रीलंका की पुलिस ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को विरोध प्रदर्शन से पहले शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात 9 बजे से पश्चिमी प्रांत में कई पुलिस डिवीजनों में कर्फ्यू लगा दिया था.
पुलिस ने कहा कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. श्रीलंकाई मीडिया ने कहा कि उन कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में पूरी तरह से रोक लगी हुई है. पुलिस ने लोगों को अन्य वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी थी.
देश में बिगड़ती आर्थिक स्थिति ने तनाव को बढ़ गया है. साथ ही पिछले कुछ हफ्तों में ईंधन स्टेशनों पर लोगों, पुलिस बल और सशस्त्र बलों के बीच कई टकराव की खबरें आई हैं. जहां गुस्साए लोग ईंधन लेने के लिए लाइन में लगे हुए थे.
इस दौरान पुलिस ने लोगों पर कई बार अनावश्यक तौर पर आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया है. कई मौकों पर सशस्त्र बलों ने गोला बारूद भी दागे हैं.
1948 में स्वतंत्र होने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
यह भी पढ़ें: क्या मुझे ऑल्ट न्यूज़ के ज़ुबैर से कोई शिकायत है? इसके 3 जवाब हैं- नहीं, नहीं और हां