लाहौर, 16 जून (भाषा) पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने सोमवार को कहा कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा पॉलीग्राफ परीक्षण सहित फोरेंसिक प्रक्रियाओं से गुजरने से इनकार करने से नौ मई के दंगों से संबंधित उनके खिलाफ दर्ज 12 आतंकवाद मामलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
लाहौर आतंकवाद रोधी अदालतके न्यायाधीश मंज़र अली गिल ने अपने लिखित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला काफी हद तक डिजिटल साक्ष्य पर निर्भर करता है, जिसे मुकदमे के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा।
इससे पहले, 72 वर्षीय खान ने पॉलीग्राफ और फोटोग्रामेट्रिक परीक्षण कराने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने कहा कि इमरान खान द्वारा इन जांचों से इनकार करना जानबूझकर की गई रणनीति लगती है, ताकि वे इस तरह के सबूतों के प्रभाव से बच सकें।
न्यायाधीश ने कहा, ‘इमरान खान संभवतः डिजिटल सबूतों की सच्चाई को इस आधार पर नकारेंगे कि उनका फोरेंसिक तरीके से विश्लेषण या जांच नहीं हुई। अंत में, उनका यह इनकार उनके खिलाफ जाएगा।’
भाषा
योगेश रंजन
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