नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में फिर कश्मीर का राग अलापा. उन्होंने शुक्रवार को पीएम मोदी के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित किया. खान ने कहा कि अगर दो पड़ोसी मुल्कों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ता है, तो इसका असर दुनियाभर में होगा. अनुच्छेद 370 के ख़त्म किये जाने पर उन्होंने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू हटते ही खूनखराबा होगा. उन्होंने इस दौरान आरएसएस को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि पीएम मोदी इस संगठन के कार्यकर्ता रहे हैं जो कि हिटलर और मुसोलिनी के विचारों से प्रेरित है. गौरतलब है कि वह संबोधन के लिए मिले 15 मिनट की समयसीमा को पार कर गए.
खान ने इस दौरान मुस्लिमों का बचाव करते हुए कहा कि इस्लाम के नाम पर युवक हथियार नहीं उठा रहे हैं, मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है, जिसके चलते वे ऐसा कदम उठा रहे हैं. इसी दौरान पाक पीएम ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र को याद करना चाहिए कि उसका गठन क्यों हुआ था?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 9/11 में कोई भी पाकिस्तानी शामिल नहीं था. 9/11 के आत्मघाती हमले के बाद इस्लाम को निशाना बनाया जाने लगा. लेकिन अफगानिस्तान युद्ध में हजारों पाकिस्तानी उसके शिकार हुए. उन्होंने कहा कि तालिबान और अलकायदा पाकिस्तान में नहीं हैं, बल्कि अफगानिस्तान में हैं. इमरान खान ने कहा कि सबसे ज्यादा फिदायीन हमले तमिल टाइगर्स ने किए, वो हिंदू थे, लेकिन हिंदुओं को कोई दोष नहीं देता है. उन्होंने कहा आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है लेकिन मुसलमानों को दूसरे देश में शक के निगाह से देखा जाता है.