नई दिल्ली: रविवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की जान खतरे में है और जेल में अधिकारी उन्हें खाना तक नहीं दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जब आईजी इस्लामाबाद को आदेश जारी किया गया तो लाहौर पुलिस पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार करने के लिए तुरंत ज़मान पार्क के आवास पर पहुंच गई.
पीटीआई नेता ने कहा, “अदालत ने संबंधित अधिकारियों को पूर्व प्रधानमंत्री को अदियाला जेल में रखने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्हें अटक जेल में ट्रांसफर क्यों किया गया. अटक जेल में सुविधाओं की काफी कमी है. वहां ‘बी क्लास’ सुविधाएं नहीं दी जाती हैं.”
उन्होंने यह दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री को जेल में “सी क्लास” कैदखाने में रखा गया है. कुरैशी ने कहा कि वकीलों को जेल में इमरान खान से मिलने नहीं दिया जा रहा है.
कुरैसी ने कहा, “अगर इमरान को वकीलों से मिलने नहीं दिया जाएगा तो हम उनकी रिहाई की अपील कैसे दायर कर सकते हैंं. पावर ऑफ अटॉर्नी पर उनके हस्ताक्षर के बिना पीटीआई प्रमुख की रिहाई के लिए अपील दायर नहीं किया जा सकता.”
‘सरकार ने मेडिकल टेस्ट भी नहीं करवाया’
कुरैशी ने इस बात की भी आलोचना की कि पीटीआई प्रमुख को उनकी मेडिकल जांच के लिए पॉली क्लिनिक के मेडिकल बोर्ड में नहीं ले जाया गया, जो प्रत्येक कैदी का अनिवार्य अधिकार और जेल प्रशासन की जिम्मेदारी है.
उन्होंने न्यायपालिका से मांग की कि वह इस पर ध्यान दे क्योंकि इमरान खान का जीवन खतरे में है.
शनिवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले में “भ्रष्ट आचरण” का दोषी पाए जाने और तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद लाहौर में उनके आवास ज़मान पार्क से गिरफ्तार कर लिया गया था.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को तोशाखाना मामले में गिरफ्तारी के बाद अटक जेल ट्रांसफर कर दिया गया था.
अदालत ने पीटीआई प्रमुख पर 100,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री को पांच साल तक सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.
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